जोधपुर में दिव्यांगों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, अशोक गहलोत से कर रहे लैपटॉप की मांग

पिछली सरकार में विधायक कोटे से दिव्यांगों को लैपटाप देने की घोषणा की गई थी, जिसको लेकर दिव्यांगजन लगातार मांग कर रहे हैं. मांग न पूरी होने पर उन्होंने अनशन की चेतावनी भी दी है. 

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जोधपुर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपते दिव्यांगजन

Rajasthan News: जोधपुर में विशेष दृष्टि बाधित दिव्यांग छात्रों ने आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्वेता कोचर को ज्ञापन सौंपकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधायक कोटे से आवंटित राशि से लैपटॉप दिलाने की मांग की. दिव्यांगों ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया कि प्रदेश में फर्जी डिग्री और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए दिव्यांग लोग भी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. जबकि वास्तविक दिव्यांग को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें योजनाओं से वंचित किया जा रहा है. 

उन्होंने ज्ञापन में बताया कि पिछली सरकार में अशोक गहलोत ने विधायक कोटे से लैपटॉप देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक इन वंचितों को लैपटॉप भी नहीं मिला है. ऐसे में अगर 31 मार्च तक इन लोगों को लैपटॉप नहीं दिया गया तो लैपटॉप का बजट भी लेप्स हो जाएगा.

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लैपटॉप देने में समस्या क्यों? 

इन छात्रों ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर भी उनकी समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने का आरोप लगाया है. दिव्यांगो ने कहा कि जब उनसे विधायक कोटे से आवंटित राशि के बारे में बात की जाती है, तब वह राज्य सरकार से जबाब आने का इंतजार करने की बात कहते हैं. इन छात्रों ने कहा कि जब विधायक कोटे से सामुदायिक भवन और अन्य विकास के कार्य हो सकते हैं, तब उन्हें लैपटॉप देने में समाज कल्याण विभाग को क्यों परेशानी हो रही है.

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एडीएम ने सीएम तक मांग पहुंचाने का दिया आश्वासन

इन छात्रों ने कहा कि सरकार द्वारा कई बार दिव्यांगो के लिये योजनाओं को लेकर कई घोषणाएं की गई. जिस तरीके से दिव्यांगों के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं. उसे लेकर अभी तक उचित प्रकार की जांच नहीं की गई. इन लोगों ने ज्ञापन में मांग उठाई है कि फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेटों की जांच की जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. एडीएम सेकंड श्वेता कोचर ने इन दिव्यांगों को विश्वास दिलाया है कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक पहुंचाया जाएगा. दिव्यांगों ने आरोप लगाया कि फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए कई दिव्यांग नौकरी हासिल कर चुके हैं. उन लोगों को भी नौकरी से तत्काल हटाया जाए और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए.

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अनशन पर बैठने की चेतावनी

इन दिव्यांग दृष्टिबाधित छात्रों ने कहां की अगर सरकार उनके इस मामले में जल्द सुनवाई नहीं करती है तो एक सप्ताह बाद वह लोग अनशन करने को मजबूर हो जाएंगे.

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