मेवाड़-मारवाड़ रेलवे लाइन का होगा जल्द निर्माण, भजनलाल कैबिनेट ने 42 हेक्टेयर भूमि रेलवे को देने का किया फैसला

Bhajanlal sharma Cabinet Meeting: संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा एवं आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हेक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के अंतर्गत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आमान परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति मंत्रिमण्डल बैठक में प्रदान की गई

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Bhajanlal sharma Cabinet Meeting: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में कर्मचारी कल्याण, कृषक हित, विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, रेल परिवहन के विकास सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश के रेल परिवहन तंत्र को मजबूत करने तथा मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग जैसे उद्योगों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ और मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण में तेजी लाई जा रही है.

रेलवे को देंगे 42 हैक्टेयर भूमि

उन्होंने बताया कि राजसमंद जिले के राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा एवं आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हेक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के अंतर्गत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आमान परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति मंत्रिमण्डल बैठक में प्रदान की गई.

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ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की सीमा भी बढ़ी 

उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने मंत्रिमंडल बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि बैठक में राज्य कार्मिकों के हित में उनकी ग्रेच्युटी एवं डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाते हुए 25 लाख करने को मंजूरी दी गई है.

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उन्होंने बताया कि अब पुरुष एवं महिला कार्मिकों को सीजीएचएस की तर्ज पर आरजीएचएस में भी चिकित्सा सुविधा के लिए माता-पिता या अपने सास-ससुर में से किसी एक को सम्मिलित करने का विकल्प मिलेगा, बशर्ते माता-पिता या सास-ससुर आश्रित होने के साथ पुरुष अथवा महिला कार्मिक के साथ निवास करते हों.

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पेंशन का भी मिलेगा लाभ 

इस संबंध में बजट 2024-25 की घोषणा पर अमल करते हुए राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 के नियम 3(9) में संशोधन किया जाएगा. डॉ. बैरवा ने बताया कि कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर अब आश्रित को केंद्रीय कार्मिकों की तरह ही 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा. इन प्रावधानों के लिए राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 55 एवं 62 में संशोधन की अधिसूचना 1 अप्रेल, 2024 से प्रभावी होगी.

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