Water Crisis In Sambhar Rajasthan: पानी की हर एक बूंद के लिए तरसते लोग, सिर पर घड़े और बाल्टियां रखकर लाती महिलाएं और पानी के लिए हर पल नलों की तरफ ताकती निगाहें. यह नजारा राजस्थान के सुदूर रेगिस्तानी इलाकों में बसी ढाणियों का नहीं, बल्कि राजधानी जयपुर से महज 80 किलोमीटर दूर उपखंड मुख्यालय सांभर झील का है. जहां पानी की किल्लत के चलते करीब दस मोहल्लों के सैकड़ों लोग अपनी पुश्तैनी हवेलियां और खून-पसीने की कमाई से लाखों रुपए खर्च कर बनाए मकान छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं.
इसके लिए बाकायदा लोगों ने गलियों में और घरों के बाहर पोस्टर-बैनर लगाकर सरकार के उन तमाम दावों की हकीकत बयां की है. जो गांव-ढाणी तक हर घर नल से पानी पहुंचाने का ख्वाब दिखा रही है.
इन मोहल्लों में ज्यादा परेशानी
सांभर झील में वार्ड नंबर 22 और 23 में स्थित चारभुजा मंदिर की गली, चौधरियों की गली, जोशियों की गली, कालानियो की गली, दादूद्वारे की गली, शेषनारायण जी की गली, लक्ष्मीनाथजी के मंदिर की गली, लाहोटियो की गली, मंडी की गली, झंडे की गली में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
व्यवसायी से गृहणी तक सबकी एक ही मजबूरी
व्यवसायी पराग पोद्दार बताते हैं कि उनकी हवेली 250 साल पुरानी है. उनका परिवार चार पीढ़ियों से इसमें रह रहा है. लेकिन जब पानी ही नहीं आ रहा तो उन्हें मजबूरी में यह जगह छोड़नी पड़ेगी. पानी के लिए हर आदमी परेशान है. हर जगह गुहार लगाकर थक चुके हैं. इसलिए भारी मन से यह फैसला लिया है. वहीं, गृहणी संतोष सैन की भी यही पीड़ा है. वे बताती हैं, दो कनेक्शन में से एक में बिलकुल पानी नहीं आता. मजबूरी में टैंकर से पानी मंगवाते हैं. जिससे आर्थिक भार पड़ता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या पुरानी है.
चार साल पहले मकान बनवाया, अब बेचने की मजबूरी
स्थानीय निवासी जगदीश बोहरा बताते हैं कि पानी आने का कोई समय तय नहीं है. कभी सुबह पानी आता है. कभी दोपहर में और कभी शाम को. तीन-चार दिन के अंतराल में सप्लाई होती है. कभी-कभी सप्ताह से दस दिन तक इंतजार करना पड़ता है. पानी भरने के लिए मशक्कत इतनी है कि बड़ों काम और बच्चों को स्कूल-कॉलेज तक छोड़नी पड़ती है.
पानी की टंकी के लिए लंबा इंतजार
सरकारी दावे और वादे कितने खोखले साबित होते हैं. इसकी एक बानगी यह है कि सांभर झील के चारभुजा मोहल्ला, कालानियों की गली, जोशियों की गली, चौधरियों की गली, लक्ष्मीनारायण मंदिर मोहल्ला आदि इलाकों में पानी की सप्लाई के लिए टंकी की स्वीकृति कई सालों पहले मंजूर हुई थी. लेकिन यह टंकी स्थानीय राजनीती और लालफीताशाही का ऐसा शिकार हुई कि आज तक इसका काम भी शुरू नहीं हो पाया है.
लोगों ने मकानों पर लिखा 'यह बिकाऊ है'
सांभर-फुलेरा की जनता से सौतेला व्यवहार: विधायक
फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक विद्याधर चौधरी का कहना है कि भाजपा सरकार सांभर-फुलेरा की जनता से सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने दो बार विधानसभा में मुद्दा उठाया. पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी खुद स्वीकार कर चुके हैं कि डिमांड की तुलना में आधा ही पानी दिया जा रहा है. बीसलपुर से सांभर के बीच नई लाइन डालने का बहाना बनाकर सरकार सांभर की जनता को प्यासा रख रही है. जबकि गोविंदी के रास्ते पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था भी वे खुद मंत्री को बता चुके हैं.
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