Modi Cabinet: मोदी कैबिनेट में इस बार घटेगा राजस्थान के मंत्रियों का कोटा, जानिए किसकी दावेदारी में कितना दम?

Ministers in Modi Cabinet: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के बाद अब निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के साथ-साथ मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों पर टिकी है. लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के लिहाज से यह कहा जा रहा है कि इस बार मोदी कैबिनेट में राजस्थान से मंत्रियों का कोटा घटेगा.

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Modi Cabinet: नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मेघवाल इस बार भी बीकानेर से चुनाव जीते हैं.

Ministers in Modi Cabinet: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Result 2024) में मिली जीत के बाद NDA सरकार बनाने की कवायद में जुटी है. बुधवार को राजधानी दिल्ली में NDA घटक दलों की बैठक में सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को नेता चुन लिया गया. अब जो जानकारी सामने आ रही है कि उसके अनुसार 9 जून को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Swearing Ceremony) तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके लिए अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा जा रहा है. दूसरी ओर देश में NDA सरकार के गठन की तैयारी के साथ ही इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि इस बार केंद्रीय कैबिनेट (Modi Cabinet) में किसे जगह मिलेगी. साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि केंद्रीय कैबिनेट में किस राज्य से कितने लोग शामिल होंगे. अलग-अलग राज्यों में भाजपा और एनडीए के प्रदर्शन के लिहाज से मोदी कैबिनेट में मंत्रियों को जगह देने की बात कही जा रही है. 

मोदी कैबिनेट में राजस्थान से किन-किन सांसदों को जगह मिलेगी, इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चाओं बीच आइए जानते हैं मोदी कैबिनेट में राजस्थान से शामिल होने वाले संभावित सांसदों की दावेदारी में कितना दम है. 

मोदी कैबिनेट में इस बार घटेगा राजस्थान का कोटा

राजस्थान की 25 लोकसभा सीट में से  इस बार भाजपा को 14 सीटें ही मिल पाई है. लिहाज़ा मंत्री पद का कोटा पिछली बार के मुक़ाबले कम हो गया है. पिछली बार राजस्थान से 24 सीट के बाद भी लोकसभा स्पीकर के अलावा तीन मंत्री बनाये गए थे. इस बार मंत्री पद के लिए राजस्थान में छह बड़े नेताओं की दावेदारी है लेकिन भाजपा के सूत्रों के मुताबिक़ राजस्थान में दो नेताओं को ही मंत्री बनाया जा सकता है. 

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ओम बिड़ला क्या फिर बनेंगे स्पीकर

इन सब में सबसे पहले कोटा बूँदी के सांसद ओम बिड़ला का नाम आता है. कोटा मोदी लोकसभा सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले बिड़ला पिछली सरकार में स्पीकर के महत्वपूर्ण पद पर थे. हो सकता है इस बार भी गठबंधन की सरकार चलाने के लिए मोदी फिर से उन्हें स्पीकर की ही भूमिका सौंपे लेकिन सवाल यह भी है कि स्पीकर की भूमिका नहीं मिलने पर भी क्या बिड़ला मंत्रिमंडल में भी जगह पाने में क़ामयाब रहेंगे. 

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चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्रियों का मौका मिलेगा या नहीं

सवाल ये भी है कि क्या इस बार राजस्थान से चुनाव जीतने वाले बड़े नेताओं को केंद्र में जगह मिल पाएगी माना जा रहा है कि बीकानेर लोकसभा सीट से चौथी बार चुनाव जीतने वाले एससी वर्ग के सांसद अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री पद मिल सकता हैं लेकिन सवाल यह भी है कि जोधपुर से तीसरी बार जीतने वाले गजेंद्र सिंह को क्या मंत्री पद मिल पाएगा. इसी तरह अलवर से पहली बार लोकसभा सांसद बनने वाले पार्टी के बड़े नेता भूपेन्द्र यादव को क्या भूमिका होगी इसे लेकर भी चर्चा है.

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जाट और एससी-एसटी समाज से मंत्री बनाए जाने की संभावना

असल में राजस्थान में इस बार जाट समाज और एससी एसटी की नाराज़गी को दूर करने के लिए इन दोनों वर्ग से भी मंत्री बनाए जाने की संभावना हैं. इनमें झालवाड़ से लगातार पाँचवी वार जीतने वाले वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह का नाम है. इसके अलावा अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी के नाम भी है. इसके अलावा उदयपुर लोकसभा सीट से आदिवासी वर्ग के मन्ना लाल रावत के नाम को लेकर भी चर्चा है.

ब्राह्मण चेहरे के तौर सीपी जोशी आगे, लेकिन पार्टी के नतीजे से पलड़ा कमजोर

इसके अलावा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ से लगातार तीसरी बार सांसद बनने वाले CP जोशी के नाम की भी चर्चा है हालाँकि इस बार राजस्थान में भाजपा के ख़राब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी के लिए कमज़ोर संगठन को दोषी बताया जा रहा है लिहाज़ा उनका पलड़ा परफॉर्मेंस के लिहाज़ से कमज़ोर हो गया है. 

चौंकाने वाले नामों में लुंबाराम और महिमा की चर्चा

इन सभी नामों के अलावा नरेंद्र मोदी का तरीक़ा हमेशा से चौंकाने वाला चौंकाने वाले फ़ैसले करने वाला रहा है. इसलिए इन नामों के अलावा कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है. इन नामों में अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को बड़े अंतर से हराने वाले पटेल वर्ग से आने वाले पहली बार के सांसद लुंबाराम चौधरी और महिला कोटे से राजसमंद से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने सांसद महिमा सिंह का नाम भी चर्चाओं में है.

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