डिजिटल क्रांति के मौजूदा समय में हर घर में ऑनलाइन खरीदारी का चलन बढ़ गया है. बड़े शहरों से होते हुए अब ऑनलाइन शॉपिंग का कल्चर गांवों तक पहुंच चुका है. इस शॉपिंग ट्रेंड ने हजारों लोगों को डिलीवरी ब्वॉय का काम दिया है. लोगों को लाने ले जाने के साथ-साथ घरों तक सामान पहुंचाने वाले डिलिवरी ब्वॉय अब आपको लगभग हर शहर में मिल जाएंगे. इस काम में पूरे देश में लाखों लोग जुटे हैं. लेकिन अभी तक इन्हें संगठित कर सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, ऐसी कोई योजना केंद्रस्तर पर नहीं बनी है. लेकिन इन गिग वकर्स के लिए राजस्थान में सरकार ने नए नियम बनाए. जिससे प्रदेश के हजारों लोगों को बड़ा फायदा होने वाला है. अब राजस्थान सरकार ने गिग वकर्स के लिए एक और बड़ी घोषणा की है.
दरअसल गुरुवार को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने "मिशन-2030" का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया. यह डॉक्यूमेंट 2030 तक राजस्थान के विकास के लिए रोडमैप का काम करेगा. जयपुर के कॉमर्स कॉलेज ग्राउंड में आयोजित सभा में CM गहलोत ने यह डॉक्यूमेंट जारी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए पूरे प्रदेश से सुझाव मांगे थे. हमें करोड़ों सुझाव मिले और आज उन्हीं सुझावों के आधार पर हम ये डॉक्यूमेंट रिलीज़ कर रहे हैं.
200 करोड़ रुपए की पहले ही हो चुकी घोषणा
गहलोत ने कहा कि, हमने गिग वर्कर्स की मदद के लिए 200 करोड़ रुपए की घोषणा पहले ही कर दी थी. उन्होंने कहा कि, आज इन सब का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया. इनको दो हेलमेट, फूड, यूनिफॉर्म वग़ैरह हम दे रहे हैं. इसके लिए हम क़ानून भी बना चुके हैं, जिसका लाभ जल्द ही गिग वर्कर्स को मिलने लगेगा.
गिग वर्कर्स को मिलेगी 5 हज़ार रुपये की मदद
मिशन 2030 विज़न डॉक्यूमेंट की घोषणा के तहत मुख्यमंत्री गहलोत ने गिग वर्कर्स और महिलाओं के लिए विभिन्न घोषणाएं की. जिसके तहत ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो समेत इंटरनेट आधारित कम्पनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, कैब चालक वग़ैरह को राजस्थान सरकार के साथ पंजीकरण करवाने पर हेलमेट, ड्रेस, जूते और रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए 5000 रुपये की मदद दी जायेगी.
साथ ही राजस्थान रोडवेज में सभी बालिकाओं एवं महिलाओं को रोडवेज का मंथली पास बनवाने पर किराये में 90% छूट दी जाएगी.
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