घोटिया आंबा धर्म-स्थल पर सांसद राजकुमार रोत ने की थी पूजा, बीजेपी के पूर्व मंत्री ने शुद्धिकरण के बाद किया हवन

बांसवाड़ा और डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत विश्व आदिवासी अधिकार दिवस पर घोटिया आंबा धर्म स्थल पर आयोजन किया गया था. अब इसके बाद घोटिया आंबा धर्म स्थल का शुद्धिकरण किया गया है.

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Rajasthan Politics: राजस्थान में अब धर्म की राजनीति शुरू हो रही है. इतना ही नहीं एक सांसद के पूजा स्थल पर आने के बाद उस स्थान का शुद्धिकरण करने का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं वहां हवन भी करवाए गए. मामला बांसवाड़ा के घोटिया आंबा धर्म स्थल का है. हाल ही में 24 सितंबर 2024 को बांसवाड़ा और डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत विश्व आदिवासी अधिकार दिवस पर घोटिया आंबा धर्म स्थल पर आयोजन किया गया था. हालांकि इस आयोजन का भी विरोध किया गया था.

पूर्व मंत्री ने करवाया धर्म स्थल का शुद्धिकरण

बांसवाड़ा डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने 24 सितंबर को घोटिया आंबा धर्म स्थल पर पूजा अर्चना की थी. वहीं स्थल के अपवित्र हो जाने की बात कहते हुए उस स्थान का पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता धनसिंह रावत सहित दर्जनों लोगों ने पूरे परिसर का शुद्धिकरण किया. इसके लिए विभिन्न तीर्थ स्थान से लाए गए जल का छिड़काव कर शुद्ध किया गया और इसके अलावा हवन भी किया गया. इसका आयोजन आदिवासी सनातन हिंदू जन जागरण समिति ने किया. इस दौरान घोटेश्वर महादेव का गंगाजल, बेणेश्वर धाम के आबू दर्रा घाट का जल और जिले की अलग-अलग नदियों का जल लाया गया और शुद्धिकरण के लिए पूरे परिसर में पवित्र जल का छिड़काव किया गया.

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पूर्व मंत्री धन सिंह रावत ने बताया 24 सितंबर को सांसद राजकुमार रोत ने यहां दर्शन किए थे. जो लोग हिंदू धर्म को नहीं मानते, उन्होंने यहां दर्शन किए और सभा का भी आयोजन किया इस कारण जगह का शुद्धिकरण जरूरी था.

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राजकुमार रोत के आयोजन का भी हुआ था विरोध

आदिवासी परिवार भील प्रदेश की ओर से 24 सितंबर को घोटिया अंबा तीर्थ पर आयोजित विश्व आदिवासी अधिकार दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत के मुख्य आतिथ्य थे. वहीं हिंदू धर्म जागरण समिति की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की गई कि इस आयोजन को निरस्त किया जाए. ज्ञापन में कहा कि प्रसिद्ध घोटिया आम्बा सनातन संस्कृति का पवित्र तीर्थ स्थल है और यहां हर वर्ष बड़ा मेला लगता है, जबकि राजकुमार रोत व भारत आदिवासी पार्टी सनातन संस्कृति का विरोध करती है. इसके बावजूद घोटिया आम्बा जैसे हिंदू तीर्थ पर यह कार्यक्रम किया जा रहा है। इससे सामाजिक समरसता और कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है.

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