Rajasthan: कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से अच्छी खबर आई है, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघिन एमटी-6 के एक नन्हा शावक के साथ नजर आई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि मुकुंदरा में बाघिन ने किसी शावक को जन्म दिया है. राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने मुकुंदरा से आई अच्छी खबर को सोशल मीडिया पर भी साझा किया है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के इंचार्ज डीएफओ एस मुथु ने बताया की MT-6 के साथ रिजर्व क्षेत्र में नजर आ रहा शावक करीब 6 सप्ताह का है.
2023 में शिफ्ट किया गया था
MT-6 बाघिन को साल 2023 में मुकुंदरा में शिफ्ट किया गया था जब उसकी उम्र करीब 2 साल थी. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में MT-5 टाइगर के साथ MT-6 रह रही थी. MT-6 ने पहली बार प्रजनन किया है. यह मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व को लगातार टाइगर के हैबिटेट के साथ अन्य संसाधनों पर लगातार कार्य किया जा रहा है. उसी का परिणाम है कि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व टाइगर के अनुकूल जंगल उपलब्ध करवाने वाला रिजर्व साबित हो रहा है.
ग्रास लैंड विकसित करने पर दिया जा रहा जोर
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों के अनुकूल जंगल उपलब्ध हो सके, इसके लिए लगातार ग्रास लैंड में बढ़ोतरी की जा रही है. बीते सालों में वन्य जीव विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. डीएफओ एस मुथु बताते हैं कि मुकुंदरा में टाइगर के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं. प्री बेस टाइगर के विचरण एवं उसके स्वभाव के अनुकूल है. रिजर्व क्षेत्र में शीतल सांभर की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में टाइगर के शिकार के लिए भी जंगल में पर्याप्त परिस्थितियां मौजूद हैं.
रणथंभौर से जल्द मुकुंदरा शिफ्ट होगी बाघिन कनकती
रणथंभौर में रेंजर और बच्चे को मार देने वाली बाघिन कनकटी को मुकंदरा में लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. एस मुथू ने बताया कि बाघिन लाने की अनुमति मिल चुकी है, इसके लिए सीसीएफ ने कमेटी का गठन किया है. इसी सप्ताह बाघिन को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा सकता है, इसके बाद मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में कल 3 बाघिन और एक बाघ हो जाएंगे.
गांवों के शिफ्टिंग की प्रक्रिया जारी
वन्य जीव विभाग के डीएफओ एस मुथू ने बताया कि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है. रिजर्व क्षेत्र के झालावाड़ जिले के गांव मशालपुरा से ग्रामीणों का विस्थापन किया जा चुका है. इसके साथ ही दामोदरपुर गांव में भी 95% ग्रामीणों का विस्थापन हो चुका है. अब रिजर्वेशन क्षेत्र के सबसे बड़े गांव गिरधरपुरा के साथ कोलीपुरा गांव के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है. ग्रामीण के साथ वन्य जीव विभाग की टीम सहमति बनाने को लेकर लगातार संपर्क में है, जल्द ही इन दो बड़े गांव का भी विस्थापन हो जाएगा.
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