सालों से माता मनसा देवी के दरबार में नगाड़ा बजा रहे नूर मोहम्मद, चार पीढ़ियों से सेवा दे रहा परिवार 

प्रहलाद उर्फ नूर मोहम्मद ने बताया कि रियासत काल से ही उनके बाबा फैली खान मां मनसा देवी के मंदिर में नगाड़ा बजाने की सेवा शुरू की थी. उसके बाद उनके पिता नीनू खान और पिता के बाद खुद सेवा कर रहे है.

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Bharatpur News: शारदीय नवरात्रा की धूम मची हुई है. शहर से लेकर गांवों तक मातारानी के भव्य दरबार सजे हुए हैं और चारों तरफ भजनों और लोकगीतों की गूंज सुनाई दे रही है.मां के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंच रहे हैं. इन्हीं दिनों राजस्थान के भरतपुर से धार्मिक सौहार्द की अनोखी मिसाल सामने आई है. माता मनसा देवी के दरबार में पिछली चार पीढ़ियों से एक मुस्लिम परिवार मां की सेवा में नगाड़ा बजा रहा है .

नगाड़ा बजा रहे मुस्लिम भक्तों का कहना है कि मां से मांगी गई कोई भी मन्नत ऐसी नहीं जो पूरी नहीं हुई हो और मां उन्हें कई बार सपने में दर्शन दे चुकी है. मंदिर में नगाड़ा बजाते समय श्रद्धालुओं की ओर से दी जाने वाली राशि से ही उनके परिवार का पालन पोषण होता है.

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चार पीढ़ियां बिना किसी नागा माता रानी के दरबार में बजा रहे गाड़ा

प्रहलाद उर्फ नूर मोहम्मद ने बताया कि रियासत काल से ही उनके बाबा फैली खान मां मनसा देवी के मंदिर में नगाड़ा बजाने की सेवा शुरू की थी. उसके बाद उनके पिता नीनू खान और पिता के बाद खुद सेवा कर रहे है. वो कहते हैं, मेरे बाद में मेरा बेटा बच्चन खान इस सेवा को आगे बढ़ा रहा है. इसके बाद पांचवी पीढ़ी आसिफ खान नगाड़ा बजाने के लिए तैयार है. हमारे चार पीढ़ियां बिना किसी नागा के सुबह और शाम माता रानी के दरबार में नगाड़ा बजा रहे हैं. सुबह 4 से 5 के बीच आकर प्रतिदिन मां की मंगला आरती संपन्न करवाते है.

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होती है मन्नत पूरी 

प्रहलाद उर्फ नूर मोहम्मद क्या कहना है कि माता मनसा देवी ने उन्हें सपने में कई बार दर्शन दिए हैं. जो भी मैया से जो मन्नत मांगी की है वह अवश्य पूर्ण हुई है. मां का हमारे परिवार के ऊपर पूरा आशीर्वाद है और मां हमें हर संकट से बचा लेती है. मां के दरबार में सबह-शाम आने वाले भक्त नगाड़ा बजाने के दौरान जो भी राशि देकर जाते हैं उसी से उनके परिवार का पालन पोषण हो रहा है.

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नूर मोहम्मद ने नाम रख लिया प्रह्लाद 

प्रहलाद उर्फ नूर मोहम्मद का कहना है कि उनकी उम्र 72 साल हो गई और उनके नाम को लेकर भी दिलचस्प कहानी है. उन्होंने बताया कि उनका जन्म होलिका दहन के दिन हुआ था पिता जब माता मनसा देवी के मंदिर आए और पंडित जी से पूछा कि आज बच्चे का जन्म हुआ है क्या नाम रखा जाए तो पंडित जी ने उनका नाम प्रहलाद रख दिया.

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