बालगृह में अनाथ बच्चों के साथ बेरहमी से मारपीट, स्कूल के बजाय SP के पास पहुंच गए मासूम

राजस्थान में बालगृह के बच्चे स्कूल जाने के बजाय एसपी ऑफिस पहुंच गए. एसपी ने बच्चों की समस्या सुनकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. 

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Rajasthan News: यूं तो बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं, लेकिन राजस्थान से एक ऐसा मामला सामने आया जहां रोते-बिलखते मासूम स्कूल जाने के बजाय सीधे SP ऑफिस जा पहुंचे. नागौर के बालगृह चोखाघर में रहने वाले करीब आधा दर्जन बच्चों के साथ बालघर के एक कर्मचारी ने जमकर मारपीट की और डराया धमकाया. मामला सामने आने पर नागौर जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस के निर्देश पर कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और कार्रवाई करते हुए विजेन्द्र भाटी नाम के युवक को गिरफ्तार किया है.

इस बालघर के सभी बच्चों को राजकीय किशोर गृह में शिफ्ट कर दिया गया है. यह दर्दनाक दास्तां ग्रीनवेल चिल्ड्रेन सोसायटी की ओर से संचालित चोखा-घर की है. सभी बच्चों की उम्र करीब 9 से 12 साल के बीच है. चोखा घर में रहने वाले सभी 19-20 बच्चे राठौड़ी कुआं स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हैं.

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मारपीट का शिकार हो रहे मजबूर मासूम

एसपी नारायण टोगस ने बताया कि कंट्रोल रूम में एक साथ आधा दर्जन बच्चों के आने की सूचना मिली, एसपी ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट के प्रभारी हरिराम समेत अन्य संबंधित पुलिस अफसरों को तुरंत कंट्रोल रूम पहुंचने को कहा और पीड़ित बच्चों के साथ की गई मारपीट की घटना को सुनकर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर आरोपी विजेंद्र को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. सिंगल पेरेंट या फिर अनाथ होने की मजबूरी कहें या बदले वक्त के चलते हिस्से में आई बदनसीबी. शरणस्थली पर ही बच्चे प्रताड़ना और मारपीट के शिकार हो रहे हैं.

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बच्चों ने बताई कर्मचारी की करतूत

बच्चों से पूरा वाकया सुनकर उनके शरीर पर लगी चोटें भी एसपी और पुलिस ने देखी. किसी के सिर से बाप का साया उठ चुका है, तो किसी मां ने दूसरी शादी कर ली. अब बुजुर्ग दादा उसके लालन-पोषण में असमर्थ हैं. किसी का पिता नहीं है. तो गरीब मां पढ़ाने में विवश है.

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ऐसे बच्चे बालघर में लाए गए, यह सोचकर कि रहने-खाने के साथ बच्चा पढ़ाई भी कर लेगा. बड़े सपनों के साथ रिश्तेदारों या परिजनों ने उन्हें यहां भेजा. करीब 19-20 बच्चे अभी बालघर में रह रहे थे. बच्चों ने बताया कि विजेंद्र भाटी आए दिन उनसे मारपीट करता है.

मामले की जांच जारी

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया कि 19 में से 12 बच्चों का पुनर्वास कर दिया गया है. कुछ बच्चों को उनके माता-पिता के अलावा अन्य खास रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है. जबकि एक बच्चा अभी खेलने बाहर गया हुआ है. 6 बच्चों के परिजन, रिश्तेदारों के आने की प्रतीक्षा की जा रही है.

इसके अलावा नागौर जिले में ऐसे NGO या कोई इस तरह के कल्याण के नाम पर आश्रय स्थल चला रहा है, तो उनकी जानकारी भी जुटाई जा रही है. सभी की जांच करवाई जाएगी.

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