बीजेपी के गले की फांस बने नरेश मीणा! झालावाड़ हादसा हाईजैक का डर; गिरफ्तारी पर पुलिस का टॉप ऑपरेशन

Naresh Meena Arrest: झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरने के बाद नरेश मीणा की दोबारा गिरफ्तारी एक सस्पेंस फिल्म जैसी रही. एम्बुलेंस में गुपचुप ले जाकर उन्हें जेल भेजा गया. जानिए पूरे ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी.

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नरेश मीणा (फाइल फोटो)

Rajasthan News: झालावाड़ के पिपलोदी गांव में स्कूल बिल्डिंग गिरने को लेकर राजनीति गरमा गई है. स्कूल हादसे के बाद झालावाड़ अस्पताल में धरने पर बैठे नरेश मीणा को पुलिस ने रविवार को फिर से गिरफ्तार कर लिया है. नरेश मीणा की यह गिरफ्तारी राजकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में हुई है. जानकारी के अनुसार, नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए झालावाड़ पुलिस ने टॉप सीक्रेट ऑपरेश चलाया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस नरेश मीणा को गुपचुप तरीके से एम्बुलेंस में लेकर गई. आखिर पुलिस को ऐसा क्यों करना पड़ा और इसके पीछे की वजह क्या है, इसको जानने के लिए पहले पूरा घटनाक्रम को जानते हैं.

दरअसल, झालावाड़ के पिपलोदी गांव में स्कूल हादसे में सात बच्चों की मौत के बाद नरेश मीणा अपनी जन क्रांति यात्रा बीच में छोड़कर झालावाड़ अस्पताल पहुंचे और वहां पर समर्थकों के साथ प्रदर्शन करने लगे. इस पर पुलिस ने उन्हें अस्पताल से जबरन उठा लिया और शांति भंग के आरोप में बंद कर दिया, लेकिन बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई.

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नरेश मीणा के खिलाफ अस्पताल की शिकायत

इसके बाद झालावाड़ अस्पताल के अधीक्षक ने नरेश मीणा के खिलाफ पुलिस को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि नरेश मीणा के प्रदर्शन से न सिर्फ़ एंबुलेंस का रास्ता अवरुद्ध हुआ है, बल्कि इमरजेंसी सेवाएं देने में भी अस्पताल प्रशासन को काफ़ी दिक्कतें आई.

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अस्पताल के अधीक्षक ने राजकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में नरेश मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. जिसके बाद पुलिस के पास नरेश मीणा के खिलाफ पुख्ता केस तैयार हो गया.

रातोंरात नरेश मीणा की हुई गिरफ्तारी

जैसे ही नरेश मीणा को जमानत मिली तो रातोंरात पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस बार उन्हें झालावाड़ में नहीं रखा गया, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी की खबर सुनते बड़ी तादाद में उनके समर्थक इकट्ठा हो जाते. ऐसे में झालावाड़ से दूर मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर नरेश मीणा को भवानीमंडी थाने में रखा गया. रविवार दोपहर में नरेश मीणा को लेकर पुलिस बड़े जाप्ते के साथ भवानीमंडी से झालरापाटन के एक थाने लेकर आई.

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इस दौरान पुलिस की गाड़ियां आगे आगे चल रही थीं और बीच में 1 एम्बुलेंस, जिसमें नरेश मीणा थे और दो गाड़ियां पीछे थी. झालरापाटन के एक थाने में पुलिस नरेश मीणा को लेकर आई. बीच में नरेश मीणा के कुछ समर्थकों ने उनके मोबाइल से फ़ेसबुक लाइव करने की कोशिश की, ताकि समर्थकों को पता चल जाए कि नरेश मीणा की गिरफ़्तारी दोबारा हो रही है, लेकिन पुलिस ने तुरंत स्विफ्ट में सवार लोगों को पकड़ लिया और उनके मोबाइल भी छीन लिए और गाड़ी भी ज़ब्त कर ली. 

इसके बाद झालरापाटन के थाने में बड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच केस की तफ्तीश कर रहे डिप्टी एसपी हर्ष राज सिंह वाहन पहुंचे. दोबारा पुलिस जाप्ते के साथ नरेश मीणा को लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची. मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से नरेश मीणा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके 13 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. 

SDM थप्पड़कांड से सुर्खियों में आए नरेश मीणा

बता दें कि टोंक की देवली-उनियारा सीट से उपचुनाव लड़ने वाले नरेश मीणा एसडीएम को थप्पड़ मारकर सुर्खियों में रहे तो गिरफ्तारी के बाद उनकी रिहाई के लिए टोंक में बड़े प्रदर्शन भी हुए. इसके अलावा अन्य जगहों पर भी उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन देखने को मिली. इस दौरान उनके समर्थकों ने जयपुर तक आंदोलन की चेतावनी दी थी.

झालावाड़ हादसे से बीजेपी को नुकसान का डर

लगातार लोगों के विरोध प्रदर्शन सुलझाने के लिए बीजेपी के बड़े मीणा नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को टोंक जाना पड़ा. अब जब झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ इस बात का भी डर सता रहा था कि नरेश मीणा इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से अगर हाईजैक कर लिए तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.

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