नरेश मीणा ने अनशन तोड़ा, SMS हॉस्पिटल से शहीद स्मारक पहुंचे

Rajasthan News: नरेश मीणा झालावाड़ स्कूल हादसे में पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग के लिए अनशन पर थे.

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Naresh Meena broke his fast: आज (26 सितंबर) नरेश मीणा ने अनशन तोड़ दिया है. समर्थकों के साथ SMS हॉस्पिटल से शहीद स्मारक पहुंचे. नरेश मीणा ने करीब 15 दिन तक अनशन किया. उनकी मांग है कि झालावाड़ के पीपलोदी स्कूल हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों को न्याय मिले. बीती रात समर्थकों ने जयपुर की सड़कों पर मशाल जुलूस निकाला था. उन्हें समर्थन देने के लिए बेटा अनिरुद्ध मीणा, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समेत कई लोगों ने जुलूस निकाला. जयपुर के त्रिवेणी नगर चौराहा से लेकर गुर्जर की थड़ी तक सर्व समाज के लोग भारी तादाद में शामिल हुए.

पीड़ित परिवारों के लिए 90 लाख रुपए की सहायता

उन्होंने कहा कि राजस्थान की वीरभूमि के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं. जब लोगों ने आग्रह किया तो मैंने कहा कि खाली हाथ अनशन नहीं तोड़ूंगा. क्योंकि यह विश्वास पैदा करना था कि हम उनके साथ खड़े हैं. 24 घंटे के भीतर 80 से 90 लाख रुपए झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए आ चुके हैं. 

भरतसिंह कुंदनपुर के कहने पर तोड़ा अनशन

उन्होने कहा, "भरतसिंह कुंदनपुर भी उसी हॉस्पिटल में भर्ती थे. जब मैं उनसे मिलने गया तो वो भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि राजस्थान को तुम्हारी जरूरत है. इसके बाद मैंने उनकी बात करते हुए जूस पीया और अनशन तोड़ा. मैं राजस्थान के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जो जनता मुझ पर भरोसा करती है और मेरे साथ खड़ी रहती है. अगर यह सहयोग बना रहा तो मैं कभी भी आपका विश्वास कम नहीं होने दूंगा."

"समरावता के मुद्दे पर भी भगत सिंह की सेना लड़ेगी" 

नरेश मीणा ने समरावता के लिए मुद्दों पर भी लड़ाई जारी रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि झालावाड़ के पीड़ितों के लिए सरकार ने 15 दिन तक अनशन के बावजूद किसी भी मांग पर ध्यान नहीं दिया. बावजूद इसके मैं खाली हाथ नहीं जा रहा हूं. मैं दोबारा सरकार के दरवाजे पर आऊंगा और नरेश मीणा भगत सिंह बनकर आएगा. समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए भगत सिंह की सेना को लेकर मैं आऊंगा.

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