Rajasthan News: बूंदी के हिंडोली में नरेश मीणा ने रविवार को शक्ति प्रदर्शन किया है. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए विधायक अशोक चांदना पर निशाना साधा है. नरेश मीणा ने कहा कि 2028 के चुनाव में अभी तीन साल का समय है, लेकिन उन्हें हराने के लिए कई लोग एकजुट हो गए हैं. चुनाव हारने के बाद भी उनके खिलाफ साजिशें जारी रहीं और उनकी जाति के लोगों को भड़काकर उन्हें फंसाने की कोशिश की गई. अभिमन्यु की तरह उनके खिलाफ भी राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया.
हेलीकॉप्टर से कोलाहेड़ा पहुंचे नरेश मीणा
दरअसल, नरेश मीणा कोलाहेड़ा में भगवान देवनारायण के मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. वे दोपहर करीब दो बजे हेलीकॉप्टर से कोलाहेड़ा पहुंचे. इसके बाद हेलीपैड से कार्यक्रम स्थल तक नरेश मीणा काफिले के साथ पहुंचे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि यह पहली बार है, जब हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में उनका हेलीकॉप्टर उतरा है. राजनीति को समझने वाले लोग और अंता विधानसभा उपचुनाव को देखने वाले सभी लोग आज भगवान देवनारायण मेले में उमड़े इस जनसमुदाय पर नजर रखे हुए हैं.
नरेश मीणा ने कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि वे चुनाव हारें और समाज का भाईचारा टूट जाए, लेकिन राजनीति में आने के बाद से उन्होंने केवल किसान और समाज की एकता का झंडा उठाया है. वे किसान परिवार में पैदा हुए हैं और खेत–खलिहानों में पले-बढ़े हैं. यदि राजनीति में कुछ बन पाए तो वह किसान कौम के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करेंगे. जब भी किसान समाज को एकजुट करने का प्रयास हुआ, तब-तब राजनीतिक षड्यंत्र रचे गए.
अंता विधानसभा उपचुनाव का जिक्र करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि उस चुनाव में सर्व समाज, विशेषकर गुर्जर समाज ने उन्हें समर्थन दिया. उन्हें विधानसभा में भेजना चाहता था ताकि किसानों की आवाज मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि यदि वे विधानसभा में पहुंचते तो शांति धारीवाल की राजनीति को चुनौती देते. इस दौरान नरेश मीणा ने बिना नाम लिए हिंडोली विधायक अशोक चांदना पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उनके समाज के लोगों ने एक व्यक्ति को 3 बार विधायक बनाया, लेकिन उसने सचिन पायलट और प्रहलाद गुंजल को कमजोर करने का काम किया और बाद में अपने स्वार्थ के लिए विरोधियों से जा मिला.
नरेश मीणा ने कई लोगों पर साजिश के आरोप
इस दौरान नरेश मीणा ने केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी, सांगोद विधायक हीरालाल नागर, टीकाराम जूली और गोविंद सिंह डोटासरा पर मिलकर साजिश करने के आरोप लगाए. साथ ही कहा कि कहा कि वर्ष 2028 के चुनाव में अभी तीन साल का समय है, लेकिन उन्हें हराने के लिए कई लोग एकजुट हो गए हैं. अभिमन्यु की तरह उनके खिलाफ भी राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया. चुनाव हारने के बाद भी उनके खिलाफ साजिशें जारी रहीं और उनकी जाति के लोगों को भड़काकर उन्हें फंसाने की कोशिश की गई.
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