Rajasthan:  थप्पड़ कांड और नेताओं के बयान से राजस्‍थान के प्रशासनिक अधिकारियों में डर, CM से कर दी बड़ी मांग 

Rajasthan: देवली-उनियारा में 13 नवंबर को उप-चुनाव के मतदान के दौरान न‍िर्दलीय उम्‍मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया था. अब इस पर पॉलिटिक्‍स शुरू हो गई. 

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Rajasthan: राजस्थान में SDM थप्पड़ कांड के बाद 'थप्पड़ पॉलिटिक्स' शुरू हो गई है. राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारी अब नेताओं के निशाने पर हैं. अब एक के बाद एक नेताओं के अधिकारियों को थप्पड़ जूते लगाने के बयान सामने आ रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों की नाराज़गी के बाद अब राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इन बयानों की निंदा की है. 

प्रशासनिक अधिकारियों को नेता कर रहे टारगेट 

राजस्थान में देवली उनियारा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव के मतदान के दौरान समरावता में SDM अमित चौधरी को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने थप्पड़ मारने के बाद से सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. हैरानी की बात ये है कि बयानों के ज़रिए राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों को टारगेट किया जा रहा है. एक के बाद एक प्रशासनिक अधिकारियों को थप्पड़ जूते मारने के बयान सामने आ रहे हैं. 

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बेनीवाल बोले-मैं होता तो तीन चार थप्पड़ और लगाता

नरेश मीणा ने भी थप्पड़ मारने के बाद कहा कि एसडीएम भाजपा का एजेंट बनकर काम कर रहा था, तो मुझे थप्पड़ मारने का कोई अफ़सोस नहीं है. आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने कहा, "जो मैं नहीं कर पाया वो नरेश मीणा कर दिया. मैं होता तो उसके तीन चार थप्पड़ और लगाता." राजस्थान में निर्दलीय या क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं की बात नहीं बल्कि, राष्ट्रीय पार्टी कहे जाने वाली कांग्रेस नेताओं की भाषा और तेवर भी प्रशासनिक अधिकारियों के ख़िलाफ़ तल्ख़ हो चुके हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने भी कहा है कि प्रशासनिक अधिकारी अगर काम नहीं करेंगे तो उनके जूते लगाने के लिए मैं तैयार हूं.

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बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष मदन राठौड़ ने बयान की निंदा की 

ब्यूरोक्रेसी की नाराज़गी के मद्देनज़र भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को बयानों की निंदा करने के लिए आगे आना पड़ा है. मदन राठौड़ ने कहा है कि राजस्थान में गुंडागर्दी का नहीं बल्कि, कानून का राज चलेगा. जनता को तय करना होगा कि वे किसके साथ है. 

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CM के कहने पर RAS अधिकार‍ियों ने पेन डाउन हड़ताल वापस ली 

नरेश मीणा थप्पड़ कांड मामले में राजस्थान के RAS अधिकारियों ने मुख्यमंत्री भजन शर्मा के कहने पर अपनी पेन डाउन हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन, इस तरह के बयानों से राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों में अभी भी आक्रोश और ख़ुद की सुरक्षा की चिंता है. यही वजह है कि RSA लॉबी सरकार पर ऑफ़िसर प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग कर रही है. दरअसल अलग तरह की संजीदा सियासत के लिए जाने जाने वाले राजस्थान में थप्पड़ कांड के बाद जिस तरह से नई तरह की थप्पड़ पॉलिटिक्स शुरू हुई है वो आने वाले दिनों में इस दिशा में जाएगी कहा नहीं जा सकता है. 

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