नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में राजस्थान के युवा ने लहराया परचम, 200 में से 198 लोगों को पीछे छोड़ जीता सिल्वर मेडल 

राजस्थान में जैसलमेर के रहने वाले युवा खिलाड़ी हर्षवर्धन कविया 67वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में डबल ट्रैप जूनियर मेन कैटेगरी में रजत पदक जीतकर पूरे देश में प्रदेश का परचम लहरा दिया है.

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सिल्वर पदक जितने के बाद खिलाड़ी हर्षवर्धन कविया.

National Shooting Championship News: राजस्थान का पश्चिमी इलाका जहां अधिकतर क्षेत्र में रेगिस्तान फैला हुआ है. यह इलाका हमेशा से खेलों के क्षेत्र में पिछड़ा माना जाता था. लेकिन अब बदलते दौर के साथ युवा खिलाड़ियों के लिए यह इलाका प्रेरणा बन रहा है, क्योंकि जैसलमेर की जेएसएम शूटिंग रेंज के हर्षवर्धन कविया ने अपनी प्रतिभा से यह साबित कर दिया है.

उन्होंने सभी को बता दिया है कि इस क्षेत्र के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा सकते हैं. हर्षवर्धन ने 67वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में डबल ट्रैप जूनियर मेन कैटेगरी में रजत पदक जीतकर जैसलमेर जिले को गौरवान्वित किया. यह प्रतियोगिता दिल्ली के डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित हुई, जिसमें देशभर के 5000 से अधिक शूटर्स ने हिस्सा लिया.

200 में से 198 लोगों को पीछे छोड़ जिला सिल्वर

इस प्रतियोगिता में हर्षवर्धन ने 200 प्रतिभागियों के बीच शानदार प्रदर्शन करते हुए 198 को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया. उनकी इस सफलता पर उन्हें पूरे जैसलमेर और राजस्थान से बधाई संदेश भेजे रहे हैं. डबल ट्रैप जूनियर मेन कैटेगरी में 110 निशानों का लक्ष्य निर्धारित था.

हर्षवर्धन ने अपने सटीक निशानों के दम पर 97 अंक प्राप्त किए और सिल्वर मेडल अपने नाम किया. प्रतियोगिता में पंजाब के केशव चौहान ने 105 सटीक निशाने लगाकर स्वर्ण पदक जीता. शूटिंग रेंज के हैड कोच केसरी सिंह नाचना ने हर्षवर्धन की इस उपलब्धि को जैसलमेर और पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया.

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पश्चिमी राजस्थान के खिलाड़ी ओलंपिक में जीतेंगे पदक

हैड कोच केसरी ने कहा कि यह पहली बार है जब हर्षवर्धन ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पदक जीता है. उनकी मेहनत और लगन से यह साफ है कि भविष्य में जैसलमेर के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएंगे. कोच ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यहां के खिलाड़ी ओलंपिक पदक भी जीतकर लाएंगे.

हर्षवर्धन की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि पश्चिमी राजस्थान के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है सही मार्गदर्शन और अवसरों की. साथ ही उनकी सफलता आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी.

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