Chamunda Mata Mandir Ajmer: हजारों साल पुराना है अमजेर का चमत्कारी चामुंडा माता मंदिर, पृथ्वीराज चौहान से है सीधा कनेक्शन

शारदीय नवरात्रि पर मंदिर की रौनक देखते ही बनती है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था. सम्राट इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने भी आते थे.

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AJMER :

शक्ति की भक्ति का पर्व शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो गया है. मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित यह पर्व पूरे 9 दिन चलता है, जिसमें माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. कुछ ऐसा ही मनोहर नजारा राजस्थान के अजमेर जिले के चामुंडा देवी में शुरू हो चुका है. यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों पर स्थित कई वर्षो पुराना आस्था का केंद्र है. यहां साल भर भारी संख्या में श्रद्धालु माता का दर्शन करने पहुंचते हैं.

मान्यता है कि मंदिर में आने वाले हर भक्त का दु:ख चामुंडा माता हर लेती है. माता के दरबार में आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यही वजह है कि हर साल माता के मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. नवरात्री पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.

मन्दिर कमेटी से जुड़े तारा रावत ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 1160 साल पहले हुई थी. सम्राट पृथ्वीराज चौहान चामुंडा माता को अपनी कुल देवी मानते थे. साथ ही यह भी किवदंती है कि पृथ्वीराज चौहान माता के अनन्य भक्त थे. जहां यह मंदिर बना है, ठीक उसी स्थान पर माता ने सम्राट को दर्शन दिए थे. ऐसा भी कहा जाता है कि पृथ्वीराज चौहान युद्ध पर जाने से पहले माता के दर्शन करने  मंदिर में जरूर आते थे.

मंदिर प्रांगण में मां गंगा, भगवान भोलेनाथ, हनुमान और भैरव बाबा का भी मंदिर है. वहीं मां गंगा के मंदिर में एक छोटा सा जलकुंड भी है. ऐसा कहा जाता है कि यह जलकुंड कभी खाली नहीं होता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कुंड से हजारों गैलन पानी निकाला जाता रहा है, फिर भी यह कभी खाली नहीं होता है. अभी तक कुंड के पानी के उद्गम स्थल की किसी को जानकारी नहीं है. 

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