PM मोदी बुजुर्गों को कल देंगे सौगात, मिलेगा 5 लाख का क्लेम; NDTV कॉन्क्लेव में बोले राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यहां मौजूद किसी अस्पताल की टीम अगर गांव में जाएगी तो हमारे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के स्टाफ भी उनके साथ जायेंगे. ताकि उन्हें मदद मिले.

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Rajasthan News: जयपुर में NDTV के हेल्दी कॉन्क्लेव में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में बहुत चुनौतियां हैं. इसके लिए प्रयास भी काफी होंगे. हमारी लाइफ स्टाइल ऐसी है जिसकी वजह से देश डायबिटीज जैसे रोगों का कैपिटल बन गया है. मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से क्लब की गई है. इसके तहत एक हिस्सा केंद्र सरकार देती है और बाकी हम देते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि कल प्रधानमंत्री मोदी बुजुर्गों को एक सौगात देने जा रहे हैं. इसमें 75 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग दंपत्ति को 5 लाख का क्लेम मिलेगा. आयुष्मान योजना के तहत गरीबों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. जाति, धर्म सबसे अलग हट कर सिर्फ गरीबों पर फोकस है. हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की है, ताकि लोगों को दिक्कत न हो. 

'निजी अस्पताल के बिना योजना सफल नहीं हो सकती'

गजेंद्र सिंह खींवसर ने आगे कहा कि सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र की भी बड़ी भूमिका है. आज मा योजना के तहत कई निजी अस्पताल इंपैनल हुए हैं. निजी अस्पतालों के बिना यह योजना सफल नहीं हो सकती. विश्व में जो भी देश गरीब से अमीर बना है, उसमें सरकार की भूमिका धीरे-धीरे घटती है और निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ती है. एसएमएस अस्पताल जब बना था, तब वह 2 लाख लोगों को ध्यान में रख कर बना था. लेकिन आज यह 43 लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराता है. इसीलिए निजी क्षेत्र की भूमिका काफी अहम है. उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी, वे ले रहे हैं. हम मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं. हील इन राजस्थान अहम पहल है. हमारी सरकार जब आई तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्टाफ की कमी हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती लगी. 

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'50 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली से मजबूत होगा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर'

इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल ने 50 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की मंजूरी दी है. इनके ज्वाइन करते ही ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत होगा. FRUS हर सौ किलोमीटर पर हो. इन सभी सेंटर पर महिला चिकित्सक, सर्जन और बाकी स्पेशलिस्ट डॉक्टर होने चाहिए. हमने काफी कम समय में इन 85 प्रतिशत सेंटर पर स्टाफ को भर दिया है. ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए हमने निजी अस्पतालों के साथ टाई अप किया है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की जांच हो सके. इसके लिए मोबाइल वैन हर गांव में जाए, यह हमारी योजना है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यहां मौजूद किसी अस्पताल की टीम अगर गांव में जाएगी तो हमारे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के स्टाफ भी उनके साथ जायेंगे. ताकि उन्हें मदद मिले, महिलाओं की जांच हो. हमारी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है. सबसे पहले पेपर लीक के खिलाफ एक्शन लिया, इसके बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जीवाड़ा करने वाले पर एक्शन लिया और अब हम फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयार हैं. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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