NEET UG 2024: बाड़मेर के अंतरी देवी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में NEET का सेंटर बनाया गया था. जोधपुर मेडिकल कॉलेज का फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट भागीरथ राम अपने छोटे भाई की जगह परीक्षा देने गया था. परीक्षक को शक हुआ तो उसने पूछताछ की. पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी भागीरथ राम को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने छोटे भाई गोपाल राम की जगह परीक्षा देने आया था.
बाड़मेर में 8 परीक्षा केंद्र पर हुई परीक्षा
रविवार यानी 5 मई को NEET UG 2024 की लिखित परीक्षा थी. बाड़मेर शहर में 8 परीक्षा केंद्र बनाएं गए थे. बाड़मेर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जसराम बोस ने बताया कि शहर में अंतरी देवी स्कूल में एक नकली अभ्यर्थी की सूचना मिली थी. पुलिस ने परीक्षा केंद्र पहुंचकर नकली अभ्यर्थी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. आरोपी ने डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम देना स्वीकार किया. उसके छोटे भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने भागीरथ राम और उसके छोटे भाई गोपालराम को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों मेघावा सांचौर के रहने वाले हैं.
खुद जोधपुर मेडिकल कॉलेज का फर्स्ट ईयर का विद्यार्थी
जांच में पता चला कि छोटे भाई की जगह परीक्षा देने आया भागीरथ राम खुद कई प्रयासों के बाद पिछले साल आयोजित हुई. NEET UG 2024 की परीक्षा में सफल हुआ. जोधपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है. अपने छोटे भाई को डॉक्टर बनाने के लिए उसकी जगह मुन्ना भाई की तर्ज पर फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने पहुंचा था. लेकिन, इससे पहले ही पकड़ा गया. फिलहाल पुलिस दोनों भाइयों से जनता से पूछताछ कर रही है.
भरतपुर में दूसरी की जगह परीक्षा देते 6 गिरफ्तार
भरतपुर में नीट परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. साथ ही परीक्षा में डमी कैंडिडेट समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरोह ने 10 लाख रुपये में NEET UG 2024 की परीक्षा का पास कराने का सौदा किया था. इन आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चल सकेगा कि गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.
10 लाख में परीक्षा देने आए थे MBBS स्टूडेंट
एएसपी अकलेश शर्मा ने बताया कि भरतपुर में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान एक एमबीबीएस स्टूडेंट डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देता हुआ पकड़ा गया है. डमी कैंडिडेट की निशानदेही पर पुलिस ने मूल परीक्षार्थी सहित नकल कराने आये गिरोह के अन्य सदस्यों को भी हिरासत में ले लिया है. पकड़े गए कुल 6 आरोपियों में से 3 मेडिकल कॉलेज अजमेर के एमबीबीएस (MBBS) के थर्ड ईयर के स्टूडेंट हैं, जोकि 10 लाख रुपए परीक्षा देने आए थे.
एक लाख रुपए एडवांस लिया था
मूल परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे डमी कैंडिडेट डॉक्टर अभिषेक ने इसके लिए 10 लाख में से 1 लाख एडवांस लिया था. उसने राहुल गुर्जर के स्थान पर ही परीक्षा फार्म भरते हुए अपनी बायोमेट्रिक पहचान नीट के फार्म में भरी थी. पकड़े गए आरोपियों में मूल परीक्षार्थी राहुल गुर्जर, डॉ रविकांत उर्फ रवि मीणा, डॉ अमित जाट, डॉक्टर अभिषेक, दयाराम और सुरेश नाम के आरोपी हैं. पुलिस की पूछताछ में डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा में बैठने वाले डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि डॉक्टर रविकांत उर्फ रवि मीणा ने ही उनका सौदा तय कराया था. एएसपी अकलेश शर्मा का कहना है कि आरोपियो से डिटेल पूछताछ की जाएगी. इसके बाद मामले का खुलासा किया जाएगा. इनके गिरोह में कौन कौन लोग शामिल है यह पूछताछ के बाद खुलासा होगा.
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