Rajasthan: पिता ने क्रेन चलाकर पढ़ाया, अब बेटे ने NEET रिजल्ट में लहराया परचम

राजस्थान में सीकर जिले के रींगस कस्बे के शुभम कुमावत ने NEET UG 2025 में 652वीं रैंक हासिल कर परिवार और कस्बे का नाम रोशन किया है. शुभम के पिता एक क्रेन चालक है और उन्होंने बड़ी मेहनत से अपने बेटे को पढ़ाया है.

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अपने माता-पिता से साथ में शुभम कुमावत.

NEET UG 2025 Result: राजस्थान के सीकर जिले के रींगस कस्बे के वार्ड नंबर 12 में रहने वाले शुभम कुमावत ने NEET UG 2025 में ऑल इंडिया 652वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और कस्बे का नाम रोशन किया. शुभम के पिता बाबूलाल कुमावत एक क्रेन चालक हैं. उनके पिता ने बहुत मेहनत करके अपने बेटे को पढ़ाया है. वहीं बेटे ने भी अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की और नीट परीक्षा को पास कर लिया.

ऐसी ही कहानी को लेकर राजस्थान में एक पुरानी कहावत है' पुत के पांव पालने में ही दिखते हैं' शुभम भी शुरू से पढ़ाई में अच्छा था और उसने सीमित संसाधनों और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है. उनकी इस उपलब्धि से पूरे कस्बे में खुशी की लहर है.

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परिवार की उम्मीदों का बोझ

शुभम के परिवार में मां अनिता देवी एक गृहिणी हैं. पिता ने 10वीं और मां ने 8वीं तक पढ़ाई की है. दो छोटी बहनों की पढ़ाई और घर का खर्च पिता के कंधों पर है. ऐसे में शुभम पर परिवार की उम्मीदें टिकी थीं. उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकारा और सीकर में रहकर NEET की तैयारी की. शुभम ने दिन-रात मेहनत कर परिवार के सपनों को सच कर दिखाया.

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'सपने बड़े होने चाहिए लेकिन मेहनत जरूरी'

इस सफलता को लेकर शुभम ने कहा "सपने बड़े होने चाहिए लेकिन मेहनत और विनम्रता जरूरी है. माता-पिता का आशीर्वाद और गुरुजनों का मार्गदर्शन मेरी सफलता का आधार है. मैं एक अच्छा डॉक्टर बनकर देश और समाज की सेवा करना चाहता हूं." शुभम को क्रिकेट और टीवी देखने का शौक है लेकिन पढ़ाई के लिए उन्होंने इनसे दूरी बनाए रखी.

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परिवार में खुशी का माहौल

शुभम की सफलता पर परिवार में जश्न है. पिता बाबूलाल गर्व से कहते हैं कि बेटे ने उनकी मेहनत को सार्थक किया. कस्बे के लोग भी शुभम की तारीफ कर रहे हैं. उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अभावों में भी बड़े सपने देखता है. शुभम ने साबित किया कि मेहनत और विश्वास से हर मंजिल हासिल की जा सकती है.

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