भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर जोधपुर पहुंचे. वह वायु सेवा स्टेशन से सीधा मंडोर रोड स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कैम्पस पहुंचे. उन्होंने वहां विधि के विद्यार्थियों और शिक्षकों से संवाद भी किया. जहां उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पहुंचने पर कुलपति प्रोफेसर हरप्रीत कौर ने उनकी अगवानी की. कार्यक्रम की शुरआत से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा विश्वविद्यालय कैम्पस में पौधारोपण भी किया गया. इस मौके कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की गई. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अपने संबोधन में अपने विधार्थी जीवन और वकालत के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे उनका जीवन बड़े बदलावों के दौर से गुजरा.
उपराष्ट्रपति द्वारा वर्तमान समय की मजबूत न्यायिक प्रणाली की प्रशंसा भी की गई. उन्होंने बताया कि बार और बेंच के अभूतपूर्व योगदान से न्यायिक संस्था ने उल्लेखनीय रूप से विकास किया है. उपराष्ट्रपति ने छात्रों को असफलता के डर को दूर कर अपने दिमाग को केवल निगेटिविटी का वैचारिक पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग नहीं करने की सलाह भी दी. उन्होंने बच्चों को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हर संभव प्रयास करने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित किया.
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्रों की गुणवत्ता से प्रभावित होकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा एक घोषणा भी की गई. अब Indian Council of World Affairs के अध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालय के छात्रों को बहुमूल्य अनुभव ग्रहण करने के अवसर देने हेतु वे विश्वविद्यालय के साथ एक एम.ओ.यू. साइन करने की प्रक्रिया की शुरूआत करेंगे.
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संवाद में प्रश्नों और विचारशील प्रक्रियाओं से परिपूर्ण था. जिसमें विविध ज्वलंत मुद्दों और महिला के लिये आरक्षण बिल के साथ ही जी-20 सम्मेलन की चर्चा की गई. साथ ही हाल ही में प्रस्तावित 3 क्रिमीनल अमेंडमेंट बिल आने वाले समय में भारत के संविधानवाद पर चर्चा की गई. कार्यक्रम के अंत मे उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ द्वारा विश्वविधालय द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यो की प्रशंसा करते हुए कुलपति की कुलपति प्रोफेसर हरप्रीत कौर के कार्यों की सराहना भी की.
यह भी पढ़ें - 'गेम चेंजर है नारी शक्ति वंदन अधिनियम', जगदीप धनखड़ बोले- 'यदि आप 50 प्रतिशत...'