'कोई नेता अपना नहीं!' सवाई माधोपुर में किसानों का बड़ा ऐलान, सुरवाल बांध पर आर-पार की लड़ाई

सवाई माधोपुर में सुरवाल बांध की भराव क्षमता बढ़ने से नाराज किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.

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सुरवाल बांध पर किसानों की महापंचायत, सरकार को दी चेतावनी.

Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में सुरवाल बांध को लेकर किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. सरकार ने इस बांध की ऊंचाई और भराव क्षमता बढ़ाकर 16 फीट कर दी है, जिससे आसपास के दर्जनों गांवों के खेत डूबने लगे हैं. फसलों का भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन किसानों का आरोप है कि सरकार ने न तो उन्हें कोई मुआवजा दिया, न ही उनसे सलाह-मशविरा किया. सोमवार को इसी मुद्दे पर घुड़ासी गांव में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने साफ-साफ कह दिया कि अब वो किसी भी नेता के बहकावे में नहीं आएंगे.

पहले 11 फीट थी भराव क्षमता

दरअसल, सुरवाल बांध जब बनाया गया था, तब इसकी भराव क्षमता 11 फीट थी. किसानों के लिए यह ठीक था, क्योंकि इससे उनकी जमीनें सुरक्षित रहती थीं. लेकिन, अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 16 फीट कर दिया है. इससे बांध में पानी का स्तर बढ़ गया है और आसपास के गांव, जैसे कि घुड़ासी, अपने खेतों के डूबने से परेशान हैं. महापंचायत में वक्ताओं ने बताया कि जब बांध की भराव क्षमता बढ़ी, तो सरकार और प्रशासन ने किसानों को अंधेरे में रखा. किसी को कुछ नहीं बताया गया और न ही उनकी जमीन के लिए कोई मुआवजा दिया गया. अब किसान अपनी आंखों के सामने अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख रहे हैं.

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'लिखत में दो, वरना कोई अपना नहीं!'

इस महापंचायत में किसानों ने स्थानीय नेताओं पर भी जमकर हमला बोला. वक्ताओं ने कहा कि हमारे नेता हमारा साथ देने की बजाय सरकार की जय-जयकार कर रहे हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि किसी भी नेता पर भरोसा मत करो. सब अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं. एक वक्ता ने तो यहां तक कह दिया, 'अगर नेताओं को हमारी महापंचायत से इतनी ही दिक्कत है, तो वो सरकार के पास जाएं और लिखित में लेकर आएं कि बांध की भराव क्षमता नहीं बढ़ाई जाएगी. अगर वो ऐसा कर दें, तो हमें महापंचायत करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी.' लेकिन, किसानों को पता है कि कोई भी नेता ऐसा नहीं करेगा. इसीलिए उन्होंने तय किया है कि अब वो किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और अपने हक की लड़ाई खुद लड़ेंगे.

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'यह आंदोलन आर-पार का है'

महापंचायत में किसानों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही इस बांध की भराव क्षमता को वापस 11 फीट नहीं किया, तो वे एक बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब आर-पार की होगी. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्हें डर है कि अगर वो चुप रहे, तो आने वाले समय में उनकी सारी ज़मीन बांध के डूब क्षेत्र में चली जाएगी, जिससे उनका भविष्य अंधकार में डूब जाएगा.

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