नोएल टाटा नहीं थे रतन टाटा की पहली पसंद, बरसों पहले बताई थी वजह

रतन टाटा (Ratan Tata) ने आज से 14 साल पहले जब अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी, उस समय भी नोएल टाटा (Noel Tata) का नाम चर्चा में आया था.

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Noel Tata : रतन टाटा के निधन के बाद से उनके उत्तराधिकारी के नामों को लेकर चल रही अटकलें समाप्त हो गई हैं. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा उनकी जगह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बनाए गए हैं. टाटा समूह में टाटा ट्रस्ट काफी शक्तिशाली है क्योंकि टाटा सन्स में उसकी 66% हिस्सेदारी है. टाटा कंपनी कई कल्याणकारी संस्थाएं चलाती है जिन्हें टाटा ट्र्स्ट कहते हैं. ऐसे 14 ट्रस्टों की देखरेख टाटा ट्रस्ट करता है जिसके चेयरमैन रतन टाटा थे. शुक्रवार (11 अक्तूबर) को ट्रस्ट के बोर्ड की बैठक हुई और उसमें सर्वसम्मति से नोएल टाटा के नाम पर मुहर लगा दी गई. इसका मतलब नोएल टाटा अब पूरी कंपनी में सबसे प्रभावशाली शख्सियत होंगे.

नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. रतन टाटा के पिता नवल टाटा का अपनी पत्नी सूनू से तलाक़ हो गया था. तब रतन टाटा 10 साल के थे. इसके बाद नवल टाटा ने सिमोन से दूसरी शादी की जो स्विट्ज़रलैंड से हैं. नोएल उन्हीं के बेटे हैं. वो रतन टाटा से 20 साल छोटे हैं.

2010 में भी आया था नोएल टाटा का नाम

टाटा समूह के चेयरमैन के रूप में नोएल टाटा का नाम 14 साल पहले भी चर्चा में आया था. वर्ष 2010 में रतन टाटा ने अचानक यह कह कर सबको चौंका दिया कि वह 2012 में रिटायर हो जाएंगे. और इसके बाद से ही अटकलों का दौर शुरू हो गया कि रतन टाटा की जगह कौन लेगा. तब नोएल टाटा का भी नाम उठा, मगर आखिरकार सायरस मिस्त्री को रतन टाटा की जगह चेयरमैन चुना गया. 

वर्ष 2010 में रतन टाटा ने अचानक यह कह कर सबको चौंका दिया कि वह 2012 में रिटायर हो जाएंगे. और इसके बाद से ही अटकलों का दौर शुरू हो गया कि रतन टाटा की जगह कौन लेगा.

उस वक्त रतन टाटा की पसंद नोएल टाटा नहीं थे. तब उन्होंने ऐसी बातें की थीं जिससे ऐसा लगा. उन दिनों उनके इस बयान की काफी चर्चा हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था, "मुझे लगता है कि अगर उसे कारोबार चलाना है, तो उसने अभी तक जितनी ज़िम्मेदारियां निभाई हैं, उससे बड़ी ज़िम्मेदारियां लेनी चाहिए. मगर वह ऐसा नहीं कर रहा, तो शायद वह ऐसा ही चाहता है."

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हालांकि रतन टाटा ने बाद में अपनी ही बात को दुरुस्त करते हुए ये भी कहा कि चयन प्रक्रिया में वो शामिल नहीं थे और चयन समिति को ही अंतिम निर्णय का अधिकार था. मगर तब ये बात साफ़ हो गई थी कि रतन टाटा नोएल के बारे में क्या सोचते थे.

सायरस मिस्त्री और रतन टाटा (PTI)

नोएल टाटा और सायरस मिस्त्री का रिश्ता

वैसे तब तब नोएल को जानने वालों ने भी स्वीकार किया था कि रतन टाटा ने जो बात कही थी उसमें सच्चाई थी, कि नोएल ने सोच समझकर बड़ी ज़िम्मेदारियां नहीं ली थीं. नोएल के मन में कभी भी टाटा के शिखर पर जाने की वैसी गहरी महत्वाकांक्षा नहीं थी और कम ज़िम्मेदारियों वाले काम से संतुष्ट थे. यही वजह थी कि, उन्हें 10 साल छोटे उन्हीं के साले सायरस मिस्त्री के चेयरमैन बनने पर कोई तकलीफ नहीं हुई. नोएल टाटा की पत्नी सायरस मिस्त्री की बहन हैं. 

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वर्ष 2011 में जब सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स का डिप्टी चेयरमैन चुना गया, तो नोएल टाटा ने उन्हें बधाई दी. अगले साल रतन टाटा 75 साल के हुए, और रिटायर हो गए, और उनकी जगह सायरस मिस्त्री ने ली. मगर इसके बाद उनकी रतन टाटा से नहीं बनी और चार साल बाद उन्हें बड़ी कड़वाहट के साथ बर्खास्त कर दिया गया, और रतन टाटा ने फिर से टाटा सन्स की कमान संभाल ली. वर्ष 2017 से एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन हैं. रतन टाटा टाटा पूरे ग्रुप के एमेरिटस चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बनाए गए.  वर्ष 2022 में सायरस मिस्त्री की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.

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