Rajasthan: बांसवाड़ा में अफसरों ने कर दिया 40 करोड़ का घोटाला, 131 बीघा सरकारी जमीन में भ्रष्टाचार का हुआ ख़ुलासा 

करीब दो साल पहले हुए इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब वर्तमान तहसीलदार को इस मामले की जानकारी मिली. उन्होंने जिला कलेक्टर को सूचित किया जिसके बाद जांच शुरू की गई. जांच में यह साबित हुआ कि गढ़ी तहसील के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है.

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Banswara News: जनजाति जिले बांसवाड़ा में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक यह घोटाला 131 बीघा सरकारी जमीन का है जिसकी कीमत करीब 35 से 40 करोड़ रुपए आंकी गई है. पहले 110 बीघा जमीन के घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसके बाद 20 बीघा का और मामला सामने आया. जांच अभी जारी है, और आशंका है कि यह घोटाला और बड़ा हो सकता है.

12 राजस्व गांवों में यह अनियमितता हुई

यह घोटाला बांसवाड़ा जिले की गढ़ी तहसील से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास की बहुमूल्य सरकारी जमीन को निजी खातेदारों के नाम दर्ज करके किया गया. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गढ़ी तहसील के 12 राजस्व गांवों में यह अनियमितता हुई है. इसमें गढ़ी, वजवाना, सुंदनी, परतापुर सालिया सहित अन्य गांव शामिल हैं, जहां सरकारी जमीन को अवैध रूप से प्रभावशाली लोगों के खातों में डाल दिया गया.

तहसीलदार ने किया खुलासा 

करीब दो साल पहले हुए इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब वर्तमान तहसीलदार को इस मामले की जानकारी मिली. उन्होंने जिला कलेक्टर को सूचित किया जिसके बाद जांच शुरू की गई. जांच में यह साबित हुआ कि गढ़ी तहसील के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है.

जांच में 13 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर

अब तक की जांच में 61 निजी खातेदारों और 13 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर हुई है. इनमें तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी शामिल हैं. जिला प्रशासन ने अब तक पांच गिरदावर और सात पटवारियों को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है.

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जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास की 22.10 हेक्टेयर (131 बीघा) सरकारी जमीन को निजी खातेदारों में दर्ज किया गया, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ. इस मामले में अब तक कार्रवाई हो चुकी है और आगे भी जहां-जहां शिकायतें मिलेंगी, वहां सख्त कदम उठाए जाएंगे. प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर रहा है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और सरकारी जमीन को पुनः कब्जे में लिया जा सके.

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