Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में धान की खेती के लिए नहरी पानी की मांग को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे थे. किसानों ने कोटा बैराज की पानी की मांग को लेकर आरपार की लड़ाई में उतरे थे. किसान और अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई लेकिन इसका नतीजा नहीं निकला था. वहीं कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था. लेकिन अब इन किसानों के लिए खुशखबरी है. अब हाड़ौती के धान किसानों को नहर का पानी दिया जाएगा.
दरअसल, किसान प्रतिनिधिमंडल ने बिरला को अवगत करवाया कि पिछले दो सालों से लगातार धान का रकबा बढ़ा है, उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं होने से किसानों पर संकट के बादल छाए हैं, धान की फसल के लिए मौजूदा समय में पानी की आवश्यकता है, लेकिन विभाग द्वारा पानी नहीं छोड़ा जा रहा.
ओम बिराल से मिले किसान प्रतिनिधि
नहरी पानी की मांग को लेकर किसानों को बड़ी राहत मिली है. 10 जुलाई से हाड़ौती के धान किसानों के लिए नहर का पानी छोड़ा जाएगा. पिछले कई दिनों से जिले के किसान खरीफ की फसल के लिए नहरी पानी छोड़ने की मांग कर रहे थे, इस मामले को लेकर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट कर ज्ञापन सौंपा.
ओम बिरला ने एमपी से संबंधित अधिकारियों को दिया निर्देश
किसान प्रतिनिधियों से वार्ता के उपरान्त बिरला मध्यप्रदेश सरकार के संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द नहर का पानी छोड़कर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए. इसके उपरान्त सीएडी प्रशासन द्वारा फसल के लिए 10 जुलाई से किसानों नहरी पानी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि संभाग में मौजूदा वर्ष में ढाई लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की रोपाई हुई है, जिसमें अधिकतर क्षेत्र बून्दी जिले का है.
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