Operation Lipika: 1800 KM का सफर और 4 दिन की मेहनत के बाद समुद्र तट से पकड़ में आया जोधपुर का कुख्यात बदमाश

गिरफ्तार बदमाश पर 20 से भी ज्यादा आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. अपराधी के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा पुलिस थानों पर मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियार, चोरी, नकबजनी, राजकार्य में बाधा जैसे कई प्रकरण दर्ज रखे है. श्यामलाल जैसलमेर जिले से 20 हजार एवं फलोदी जिले से 5 हजार का इनामी अपराधी घोषित है.

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जोधपुर पुलिस की गिरफ्त में शातिर बदमाश.

Jodhpur Police: जोधपुर पुलिस ने 15 साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी कुख्यात बदमाश को समुद्र तट से गिरफ्तार किया है. इस बदमाश को पकड़ने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन लिपिका लॉन्च किया था. जिसके तहत पुलिस टीम ने 1800 किमी का सफर तय कर लोहावट निवासी श्यामलाल को गिरफ्तार किया. बताया गया कि जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लॉनर टीम ने समुद्र तट में छुपे एक कुख्यात अपराधी को पकड़ा है. कार्रवाई ऑपरेशन लिपिका के तहत की गई है. साइक्लॉनर टीम ने 15 साल से पोकरण के मामले में फरार चल रहे अपराधी श्यामलाल उर्फ रामलाल उर्फ कैलाश पुत्र बाबूलाल निवासी फतेहसागर पीलवा थाना लोहावट को गिरफ्तार किया है. रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी श्यामलाल पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था. इस अपराधी की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन लिपिका के नाम से विशेष अभियान छेड़ा गया था.

0029 गैंग का सदस्य 

आईजी विकास कुमार ने बताया कि कुख्यात अपराधी श्यामलाल 0029 गैंग का सदस्य था. आरोपी गैंग के सरगना विश्नाराम विश्नोई का निकटतम रिश्तेदार और निकट सहयोगी रहा है. गैंग के लिए तस्करी की गाडिय़ां चलाना और किश्तों पर खरीद-फरोख्त करता रहा था. श्यामलाल से फाइनेंस पर पिकअप और बोलेरो जैसी गाडिय़ां खरीदवाता था. अपराध में पकड़े जाने तक गैंग के द्वारा किश्तें भरी जाती थी. बदले में श्यामलाल के निजी इस्तेमाल की गाडिय़ां की किश्तें भी गैंग भरता था.  उसके खिलाफ 20 से भी ज्यादा आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं अपराधी के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा पुलिस थानों पर मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियार, चोरी, नकबजनी, राजकार्य में बाधा जैसे कई प्रकरण दर्ज रखे है. श्यामलाल जैसलमेर जिले से 20 हजार एवं फलोदी जिले से 5 हजार का इनामी अपराधी घोषित है.

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आरोपी का नाम प्रमुखता से उभर कर आया 

आईजी विकास कुमार ने बताया कि कुख्यात 0029 गैंग की समीक्षा में श्यामलाल का नाम प्रमुखता से उभरकर आ रहा था. गैंग के कुछ मुख्य अपराधियों के पकड़े जाने पर उनकी पूछताछ में श्यामलाल का जिक्र आने पर ऑपरेशन लिपिका शुरू किया गया था. तकनीकी आसूचना के आधार पर पुलिस उप निरीक्षक कन्हैयालाल और प्रमीत चौहान ने अपराधी के ठिकाने का पता लगा पाने में सफलता पायी. एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद अपराधी के द्वारका में छुपकर धंधा करने के तथ्य का खुलासा होने पर हैड कांस्टेब महिपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष दल द्वारका में ही कुंडली मारकर कई दिनों तक बैठा रहा. 

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राजस्थान राज्य में धंधे की गैस निकल जाने के बाद अपराधी द्वारका में गैस भरने और गैस चूल्हे की मरम्मत के धंधे में आ गया था पर ठिकाने और नंबर बदल-बदलकर होशियारी से छुपता फिर रहा था. गैस कंपनी को अलग अलग नम्बरों से फोन कर गुजराती भाषा में संवाद कर मिस्त्री बुलाती रही विशेष टीम अपने ठिकाने पर, गैस चूल्हे की मरम्मत के लिए पर हर बार अलग-अलग आदमी आते रहे.

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पकड़े जाने पर भी पहचान छिपाता रहा बदमाश

चौथी बार एजेंसी में शिकायत करने पर वांछित अपराधी स्वयं आया मरम्मत के लिए तो विशेष टीम के हत्थे चढ़ गया. पकड़े जाने पर भी अपनी पहचान छिपाता रहा. खुद को गुजरात का ही बताता रहा पर राजस्थान नंबर के मोटर साइकिल से पोल खुल जाने पर असली नाम पता बताया. वह द्वारका में हरी भाई उर्फ हरिराम के छद्म नाम से धंधा चला रहा था. 1800 किमी का सफर तय कर 4 दिनों के कठिन श्रम के उपरान्त विशेष दल ने ऑपरेशन लिपिका को अंजाम दिया.

आईजी ने लोगों से की अपील

महानिरीक्षक पुलिस विकास कुमार द्वारा बताया गया कि किसी भी आमजन को किसी भी अपराधी या अन्य सूचना जो कि अपराधी से संबंधित है, उसे रेंज पुलिस नियंत्रण कक्ष (संजय) नम्बर 0291-2650811 एवं वाट्सएप नंबर 9530441828 पर सूचना दी जा सकती है. उक्त सूचना देने वाले व्यक्ति की गोपनीयता का पूर्ण रूप से ख्याल रखा जाएगा.