22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नीरज उधवानी के बड़े भाई किशोर उधवानी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया से कहा, "थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन जो चला गया, वो वापस नहीं आएगा. उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे हमले दोबारा न हों. टीवी पर देखा कि आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया, जिससे दिल को कुछ सुकून मिला है."
आतंकी 22 लोगों को भून दिया था
22 अप्रैल की दोपहर हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. जान गंवाने वालों में जयपुर के नीरज उधवानी भी शामिल थे, जो अपनी पत्नी आयुषी के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे. आतंकियों ने नीरज पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिससे उनका पूरा परिवार उजड़ गया.
नीरज का परिवार गम से नहीं उबर पाया
नीरज को खोने के ग़म से परिवार अब तक उबर नहीं पाया है. उनके भाई किशोर कहते हैं, "भाई को खोने का दर्द अब भी सीने में शूल की तरह चुभता है. हालांकि, भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में ड्रोन और मिसाइलों से जो कार्रवाई की, उससे थोड़ा सुकून जरूर मिला है. "
दुबई में सीए थे, नीरज उधवानी
नीरज उधवानी दुबई में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्यरत थे. 16 अप्रैल को एक दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए वह चंडीगढ़ आए थे. इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर चले गए. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी. जब हमला हुआ, उस वक्त उनकी पत्नी आयुषी भी उनके साथ थीं. उन्होंने बताया गया कि आतंकियों ने पहले नीरज का नाम पूछा, फिर पत्नी को अलग किया और नीरज को गोली मार दी.
2023 में हुई थी शादी
नीरज की शादी फरवरी 2023 में आयुषी से हुई थी. वह कश्मीर से लौटकर फिर से दुबई जाने वाले थे. उनके पिता का निधन करीब दस साल पहले हो चुका था. पत्नी आयुषी के सामने ही नीरज को गोलियां मारी गईं, और वह बेबस होकर यह मंजर देखती रहीं.
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