एक अंगुली में लगी चोट से 15 साल बाद मिला लापता बच्चा, 14 की उम्र में भागा था अब 29 का बांका जवान

Operation Ullas in Sikar: 15 साल पहले लापता हुए बच्चे को पुलिस ने अब खोज निकाला है. इस असंभव जैसे केस को क्लोज करने में लापता बच्चे की अंगुली में लगी एक चोट बहुत बड़ा क्लू बना.

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15 साल पहले लापता हुए बच्चे की तस्वीर और अब जब वो मिला उस समय की तस्वीर.

Sikar News: राजस्थान में पुलिस ने गुमशुदा हुए लोगों को तलाशने के लिए ऑपरेशन उल्लास शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत गुरुवार को सीकर जिले की पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली. सीकर पुलिस ने 15 साल पहले लापता हुए एक बच्चे को खोज निकाला. जब यह बच्चा लापता हुआ था तब वह मात्र 14 साल का था. अब जब पुलिस ने उसकी तलाश की तो वह 29 साल का बांका जवान हो चुका है. 15 साल पहले खोए बच्चे को पाकर उसका परिवार बेहद खुश है. दूसरी ओर इस असंभव काम करने वाली पुलिस टीम ने बताया कि इस केस को क्लोस करने में लापता बच्चे के अंगुली में एक चोट ने बड़ी मदद की. 

दरअसल सीकर की कोतवाली पुलिस ने 2009 से लापता युवक को गंगानगर से दस्तयाब कर परिजनों को सौंपा है. लापता बच्चे के वापस मिलने से परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजन लापता बेटे से मिलकर बड़े ही खुश नजर आए और पुलिस का आभार जताया. 

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28 अगस्त 2009 को लापता हुआ था बच्चा

जानकारी के अनुसार 28 अगस्त 2009 को सीकर शहर कोतवाली थाने में 15 साल के छात्र के पिता ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. जिसमें बताया गया कि उनका बेटा अपने ननिहाल नवलगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करता है जो 28 अगस्त 2009 की सुबह अपने घर सीकर आया था. वह शाम को वापस से सीकर से नवलगढ़ ननिहाल जाने की बोलकर घर से निकला था. लेकिन नाबालिक छात्रा नवलगढ़ नहीं पहुंचा. 

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शहर कोतवाली पुलिस में गुमशुदा की दर्ज होने के बाद पुलिस ने भी नाबालिक छात्रा को ढूंढने के काफी प्रयास किए. पुलिस के पास सिर्फ नाबालिक छात्रा की एक फोटो और एक पहचानती की छात्रा के दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में ऐसी चोट लगी हुई है कि उसकी उंगली कभी भी सीधी नहीं हो सकती. 

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छात्र के लापता होने के समय उसके पास ना तो कोई मोबाइल था और ना ही सीसीटीवी कैमरे की संख्या इतनी ज्यादा थी. ऐसे में गुमशुदा नाबालिक को ढूंढना पुलिस के लिए चुनौती पूर्ण था.

ऑपरेशन उल्लास के तहत फिर शुरू हुई जांच

पुलिस विभाग की ओर से वर्तमान में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाई गई अभियान उल्लास के तहत पुलिस ने वापस से इस केस के मामले में जांच शुरू की. मामले की जांच के लिए शहर कोतवाली पुलिस के हेड कांस्टेबल दुर्गाराम, कांस्टेबल दलीप और शंकर को लगाया गया. तीनों पुलिस के जवानों ने अपनी ह्यूमन इंटेलिजेंस को एक्टिव किया. 

परिजनों के साथ 15 साल बाद मिला बच्चा.

गंगानगर में ट्रक ड्राइवर का काम करता था बच्चा

इन्हीं से पुलिस के जवानों को जानकारी मिली कि इसी तरह की पहचान का एक युवक गंगानगर में ट्रक ड्राइवर का काम करता है. सूचना पर पुलिस टीम गंगानगर पहुंची और दो दिन तक युवक के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाई. पुलिस टीम ने गंगानगर के सुरजीत सिंह कॉलोनी इलाके से युवक को दस्तया कर पूछताछ की तो वह 15 साल पहले सीकर से लापता हुआ छात्र ही निकला. जिस पर पुलिस टीम युवक को सीकर शहर कोतवाली लेकर पहुंची. जहां उसे परिजनों को सौंप दिया गया.

दाहिने हाथ की अंगुली में लगी चोट से की पहचान

शहर कोतवाल विक्रांत शर्मा ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि जब छात्र लापता हुआ था तो उसकी उम्र 14 साल की थी और दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था. छात्र बड़ा होकर गंगानगर में ट्रक ड्राइवरी का काम कर रहा था. जिसे गंगानगर से दस्तया किया गया है.

युवक के बचपन की फोटो और दाहिने हाथ की कटी हुई उंगली के आधार पर परिजनों ने इसकी पहचान 15 साल पहले लापता हुए नाबालिक के रूप में की है. सीकर पुलिस की ओर से नाबालिक को ढूंढने के लिए 10 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था. फिलहाल लापता युवक को परिजनों को सौंप दिया गया है. 

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