Organ Transplant Fake NOC Case: जयपुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस की जांच बढ़ने के बाद से लगातार इस मामले में कार्रवाई जारी है. ऑर्गन ट्रांस्प्लांट के इंटरनेशनल रैकेट के खुलासे के बाद इस मामले में फर्जी एनओसी का मामला भी सामने आया. जिसके बाद जयपुर के कई बड़े डॉक्टरों पर कार्रवाई जारी है. बीते दिनों इसी फर्जी एनओसी केस में एसएमएस हॉस्पिटल के प्रिसिंपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. लेकिन स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी ने अपना इस्तीफा देने से इंकार किया था. जिसके बाद सरकार ने खुद से सोटो चेयरमैन पद से डॉ. सुधीर भंडारी को हटा दिया था.
सुधीर भंडारी सोटो चेयरमैन पद से जरूर हटा दिए गए हो लेकिन वो राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस (RUHS VC) के कुलपति पद पर काबिज थे. लेकिन गुरुवार को राजभवन पहुंचकर डॉ. भंडारी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया.
डॉ. सुधीर भंडारी ने RUHC वीसी पद से दिया इस्तीफा
डॉ. भंडारी ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर अपनी पूरी बात रखी. इसके बाद डॉ. भंडारी के राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के कुलपति पद से इस्तीफा देने की पुष्टि हुई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अब भंडारी के जाने के बाद आरयूएचएस के नए कुलपति पद नई नियुक्ति होगी.
सुधीर भंडारी के राजभवन पहुंचने पर स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारी भी पहुंचे
मालूम हो कि गुरुवार को सुधीर भंडारी के राजभवन पहुंचने के बाद स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और एसीएस शुभ्रा सिंह और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान भी राजभवन पहुंचे थे. इन लोगों ने राज्यपाल के सामने ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी केस से जुड़े तथ्य राज्यापाल के सामने रखे. जिसके बाद सुधीर भंडारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया.
स्वास्थ्य मंत्री बोले- पेपर लीक मामले की तरह हो इसकी भी जांच
ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस के फर्जी एनओसी मामले में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि अभी हमारी टीम राज्यपाल से मिली है. हमारी फाइंडिंग हमने सौंपी है. डिटेल रिपोर्ट सोमवार तक मिलेगी. जैसे पेपर लीक मामले में निर्देश दिए थे, वैसे ही इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के लिए कहा है. जो भी तथ्य थे, हमने उनके सामने रखे. सुधीर भंडारी ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था. अंतरिम कुलपति की घोषणा थोड़ी देर बाद हो जायेगी.
यह करोड़ों का स्कैम, 20202 से शुरू हो गया था फर्जीवाड़ा
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है. 2020 से यह चल रहा है. कोई रजिस्टर नहीं था. कितने लोगों को एनओसी मिली, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं था. गौरव सिंह के तार कहां तक जुड़े हैं, यह जानना जरूरी है. मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे, पेपर लीक की तरह कमिटी बनाकर जांच करवाएं. यह करोड़ों का स्कैम है. गंभीर मामला है. यह फर्जीवाड़ा 2020 से शुरू हो गया था.
भंडारी को प्रिसिंपल से वीसी बनाया गया
सुधीर भंडारी के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनको प्रिंसिपल का पोस्ट था, वीसी बनाया गया. जाहिर है इनको लगातार प्रमोशन मिला. पिछले कार्यकाल में मेडिकल डिपार्टमेंट में सुधीर भंडारी का खौफ था. एनओसी जारी करने वाली कमिटी की बैठकों का कोई रिकॉर्ड 2020 से ही मिसिंग है. सिर्फ रजिस्टर पर यह लिखा है कि मीटिंग इतने बजे हुई. कितने लोगों को एनओसी मिली, क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं मिली.