पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत के हक का पानी, पीएम ने कहा- कोई ताकत डिगा नहीं सकता

पीएम मोदी ने देशनोक के पलाना में सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को बहुत महंगा पड़ेगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
सिंधु नदी

Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा और अगर वह आतंकियों को 'एक्सपोर्ट' करना जारी रखता है तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा. भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) तब तक 'स्थगित' रहेगी जब तक पड़ोसी देश सीमा पार आतंकवाद को 'विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से' समर्थन देना बंद नहीं कर देता.

पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है.

कोई ताकत हमें इस संकल्प से डिगा नहीं सकती 

मोदी ने देशनोक के पलाना में सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को बहुत महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान ने आतंकियों को 'एक्सपोर्ट' करना जारी रखा, तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा. पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा, भारतीयों के खून से खेलना, पाकिस्तान को अब महंगा पड़ेगा.” मोदी ने कहा, “ये भारत का संकल्प है, और दुनिया की कोई ताकत हमें इस संकल्प से डिगा नहीं सकती है.”

विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि की थी. यह समझौता दोनों देशों को सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के उपयोग के तौर तरीकों का प्रावधान करता है. भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित करने के लिए आधिकारिक अधिसूचना 24 अप्रैल को जारी की.

Advertisement

भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को लिखे पत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा जारी सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है.

मुखर्जी ने पत्र में कहा, ‘‘किसी संधि का सद्भावपूर्वक सम्मान करने का दायित्व संधि का मूल होता है. हालांकि, इसके बजाय हमने देखा है कि पाकिस्तान भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.''

Advertisement

पत्र में कहा गया है, ‘‘ उत्पन्न सुरक्षा अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अधिकारों के पूर्ण उपयोग में प्रत्यक्ष रूप से बाधा उत्पन्न की है.''

पाकिस्तान को भेजे गए पत्र में ‘‘काफी हद तक जनसांख्यिकी में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता और अन्य बदलावों'' को भी संधि के दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता वाले कारणों के रूप में रेखांकित किया गया. इसमें पाकिस्तान पर अनुच्छेद 12(3) के तहत आवश्यक संशोधनों पर बातचीत करने से इनकार करके संधि का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में 297 सरकारी सेवकों पर लटकी तलवार! SOG को सौंपी गई संदिग्धों की फाइल...जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर