ऑपरेशन स‍िंदूर के बाद पाक‍िस्‍तान सक्रिय, जासूसों को कर रहा वेल ट्रेंड; इंटेल‍िजेंस ने क‍िए कई खुलासे

लंबे समय से पाकिस्तान और आईएसआई लिए जासूसी कर रहा था, और सेना की जानकारियां उनको भेज रहा था, जो देश के लिए घातक हो सकती है.

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पाकिस्तानी जासूस का आरोपी मंगत सिंह.

अलवर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस के मामले में बड़े खुलासे हुए हैं. राजस्थान इंटेलिजेंस की जांच पड़ताल में कई खुलासे हुए है. इंटेलिजेंस की टीम जासूस मंगत सिंह को लेकर अलवर पहुंची. अलवर में सभी जगह पर ले जाकर उसे मौका तस्दीक कराई गई. इस दौरान जिस फैक्ट्री में मंगत काम करता था. जिस घर पर रहता था और जिन जगहों की फोटो व वीडियो उसने पाकिस्तान को भेजी थी. उन सभी जगह पर इंटेलिजेंस की टीम उसे लेकर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की.

मंगत के बचाव में उतरा परिवार 

मंगत के तीन बच्चे हैं बड़ी बेटी सिमरन 16 साल की है. उसके बाद बेटा प्रिंस 13 साल का सबसे छोटा बेटा जश्न है व 11 साल का है. मंगत अपने परिवार के साथ 13 साल से अलवर में किराए के मकान पर रहता है और 2007 में उसकी शादी हुई थी. इस घटना के बाद परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. परिवार मंगत के बचाव में उतरा है. पत्नी ने कहा कि उनका फोन बच्चों के पास रहता था. वो ऐसा कभी नहीं कर सकते है.

यह मामला सामने आने के बाद मकान मालिक ने उनको मकान खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है. ऐसे में मंगत का परिवार सड़क पर आ चुका है. परिवार के हालात खराब है.

पाकिस्तान वेल ट्रेंड करता है  

पाकिस्तानी जासूस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में ही न्यायालय के स्पेशल पीपी सुदेश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा की ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ज्यादा सक्रिय हुआ है. अभी जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान जासूसों को वेल ट्रेंड करता है. इस दौरान भोले वाली गरीब लोगों को अपने जाल में फसाया जाता है. इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अलावा ऐसे शहरों के लोग भी शामिल होते हैं. जिन पर किसी को शक नहीं होता और किसी का ध्यान नहीं जाता है.

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हनी ट्रैप या पैसों का लालच देता है 

हनी ट्रैप या पैसों का प्रलोभन देकर पाकिस्तान लोगों को अपने जाल में फसाते हैं. अलवर के गोविंदगढ़ के रहने वाले मंगत सिंह जो अलवर के एमआईए स्थित एक फैक्ट्री में काम करता था व किराए का कमरा लेकर अलवर शहर में रहता था. मंगल सिंह अलवर के ईटाराणा कैंट क्षेत्र के आसपास घूमता हुआ मिला. इसकी जानकारी मिलते ही राजस्थान की इंटेलीजेंस टीम अलर्ट हुई व इस पर नजर रखने का काम शुरू हुआ. इस दौरान मंगत सिंह संदिग्ध नजर आया. तो इंटेलिजेंस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू की और एक के बाद एक मंगत सिंह के खिलाफ पाकिस्तान के लिए जासूसी करन

पाकिस्तानी एजेंट से बात करता था मंगत 

इंटेलिजेंस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि मंगत सिंह ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही एक्टिव था और लगातार पाकिस्तानी एजेंट से बातचीत कर रहा था व उनको सेना से जुड़ी हुई जानकारियां भेज रहा था. वीडियो फोटो भी उसने अलग-अलग जगह की भेजी हैं और उसके बाद बड़ी ही शातिर तरह से उनको डिलीट करके अपने फोन से हटा देता था. जांच में सामने आया कि एजेंट मंगत सिंह के पास दो नंबर थे. एक जिओ का और दूसरा एयरटेल का है. मंगल सिंह ने सेना से जुड़ी हुई जरूरी जानकारियां पाकिस्तानी एजेंट को भेजी है. यह जानकारी देश के लिए और सुरक्षा के लिए घातक हो सकती हैं. पुलिस जांच में सामने आया कि मंगत के मोबाइल फोन में दो नंबरों पर लगातार सूचनाओं भेजी जा रही थी. इसमें एक नंबर ईशा शर्मा के नाम से मोबाइल में सेव है व तो दूसरा इशा बॉस के नाम से से मिला है.

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