सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत डूंगरपुर जिले में पालनहार योजना में पंजीकृत लाभार्थियों ने अगर 31 दिसम्बर तक अपना वार्षिक सत्यापन नहीं करवाया तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा. ऐसे में अगर इन लाभार्थी बच्चों ने सत्यापन नहीं करवाया तो पालनहार पेंशन अटक सकती है. इधर कलेक्टर ने सम्बंधित उपखंड अधिकारियों और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को जल्द सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं.
अनाथ बच्चों के लिए पालनहार योजना
राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना में राज्य के अनाथ बच्चों को या जिनके माता-पिता मर गए हैं, उन अनाथ बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा आदि की व्यवस्था उनके निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर की जाती है .
डूंगरपुर में 11 हजार से अधिक अनाथ बच्चे
पालनहार योजना के तहत डूंगरपुर जिले में 11 हजार 225 अनाथ बच्चों को लाभ मिलता आ रहा है. योजना के लाभ के लिए प्रतिवर्ष इन बच्चों का भौतिक सत्यापन शिक्षा विभाग की ओर से किया जाता है. लेकिन, कुल 11 हजार 225 अनाथ बच्चों में से 10 हजार 196 बच्चों का वार्षिक सत्यापन हुआ है. अभी भी 1029 बच्चे ऐसे हैं, जिनका भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है.
एक हजार से अधिक बच्चों का नहीं हुआ सत्यापन
डूंगरपुर जिले के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक हेमंत सैनी ने बताया कि एक हजार से अधिक बच्चों का वार्षिक सत्यापन नहीं हो पाया है, जिसके अलग-अलग कारण हैं. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बैठक लेते हुए शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द शेष बच्चों का वार्षिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि यदि 31 दिसम्बर तक इन बच्चों का वार्षिक सत्यापन नहीं होता है, तो पालनहार योजना के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है.
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