Rajasthan News: राजस्थान के पाली जिले में घुमंतु और विमुक्त समुदायों की मांगों को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया. हजारों लोगों की भीड़ ने सड़क जाम करने की कोशिश की तो पुलिस से भिड़ंत हो गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पथराव और लाठीचार्ज तक बात पहुंच गई. अब इलाके में शांति बहाल करने के प्रयास हो रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में डर का माहौल है.
हिंसक झड़प में कई घायल, ट्रैफिक ठप
बालराई गांव के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर दोपहर के समय प्रदर्शनकारियों ने सड़क रोकने का प्रयास किया. पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. जवाब में पुलिस ने लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे.
इस टकराव में एक पुलिसकर्मी समेत करीब दर्जन भर लोग जख्मी हो गए. कई गाड़ियों के कांच चकनाचूर हो गए और राजमार्ग पर दो घंटे तक आवागमन पूरी तरह बंद रहा. अफरातफरी में लोग खेतों और घरों में छिपते नजर आए. शाम तक पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया लेकिन अतिरिक्त फोर्स तैनात कर गश्त बढ़ा दी गई है.
आंदोलन की शुरुआत और मुख्य मांगें
डीएनटी संघर्ष समिति और राष्ट्रीय पशुपालक संघ ने अपनी दस प्रमुख मांगों के लिए एक नवंबर से पाली में बड़ा धरना शुरू किया था. पिछले छह दिनों से हजारों लोग यहां डटे हुए हैं. उनकी मांगों में घुमंतु समुदायों के लिए अलग मंत्रालय बनाना, घर बनाने के लिए जमीन के पट्टे देना, बच्चों की पढ़ाई के लिए खास बजट रखना, पंचायत और स्थानीय चुनावों में आरक्षण देना, डीएनटी सूची की गड़बड़ियों को ठीक करना, सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण और पशुपालक समाज को सामाजिक-आर्थिक मान्यता देना जैसी बातें शामिल हैं. ये समुदाय लंबे समय से अपनी इन समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं और अब सरकार से ठोस कदम की उम्मीद कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों के आरोप और पुलिस का जवाब
आंदोलनकारियों का कहना है कि गुरुवार रात पुलिस ने उनके टेंट उखाड़ने की कोशिश की खाना पकाने के बर्तन जब्त कर लिए और आसपास के होटलों को उन्हें भोजन देने से रोक दिया. इससे लोग गुस्से में आ गए और शुक्रवार को प्रदर्शन तेज हो गया.
उनका आरोप है कि प्रशासन दबाव बनाकर धरना खत्म करवाना चाहता है लेकिन वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक सभी मांगें मान ली न जाएं.वहीं पाली के एसपी आदर्श सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने शांति से समझाने की कोशिश की लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी कर माहौल खराब कर दिया. अब स्थिति नियंत्रण में है और सुरक्षा के लिए ज्यादा पुलिस बल लगाया गया है. इलाके में गश्त बढ़ाई गई है ताकि कोई नई घटना न हो.
वार्ता के प्रयास लेकिन तनाव कायम
जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों से बातचीत शुरू की है. संघर्ष समिति के नेताओं को कलेक्टर कार्यालय बुलाया गया जहां कुछ अच्छे संकेत मिले हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी लिखित में सभी मांगें मानने तक धरना खत्म करने को तैयार नहीं हैं. हाईवे पर सावधानी से ट्रैफिक मोड़ दिया गया है और पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त पुलिस मंगाई गई है. आंदोलन अब धीरे-धीरे पूरे मारवाड़ इलाके में फैलने के संकेत दे रहा है. समिति ने चेतावनी दी है कि अगर मांगों को अनदेखा किया गया तो विरोध और तेज होगा.
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