Pollution in Luni River: बालोतरा जिले के किसान इन दिनों प्रदूषित पानी की दोहरी मार झेल रहे हैं. जोधपुर के प्रदूषित पानी के जोजरी नदी में छोड़े जाने डोली गांव के लोग और किसान परेशान हैं. वहीं, समदड़ी क्षेत्र के किसान पाली की फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी के दंश झेल रहे हैं. मरूगंगा के नाम से विख्यात जिले की एकमात्र लूणी नदी भी दिनों दिन प्रदूषित होती जा रही है. औद्योगिक कारखानों से निस्तारित प्रदूषित पानी लूनी नदी में लगातार घुल रहा है. हालांकि कुछ समय तक आवक जरूर बंद रही, उसके बाद फिर से बड़ी तादाद में प्रदूषित पानी की आवक शुरू हो गई है.
गांवों की सरहद तक पहुंच गया पानी
यह पानी रानीदेशीपुरा और भानावास गांव की सरहद तक पहुंच गया है. जिले सीमा के गांव रामपुरा से रानीदेशीपुरा गांव तक प्रदूषित पानी के जमावड़ा होने से किसानों में रोष है. नदी के काले पानी ने कृषि भूमि की उर्वराशक्ति कमजोर कर दी है, जिसका असर उत्पादन क्षमता पर दिख रहा है.
सर्दी में थमी थी आवक, बीते 1-2 महीनों से फिर शुरू
लूनी नदी में पिछले दस वर्ष से भी अधिक समय से पाली की औद्योगिक इकाईयों का प्रदूषित पानी बिना किसी रोक-टोक के आ रहा है. हर साल 2 से 3 बार इस प्रदूषित पानी को लूणी नदी में छोड़ा जाता है. सर्दी खत्म होने के बाद से नदी में प्रदूषित पानी की आवक 1-2 महीने से शुरु हो गई है.
एडीएम ले चुके हैं जायजा
किसानों ने जिला कलेक्टर को पीड़ा सुनाते इस रोक लगाने की मांग की थी. इसके बाद अतिरिक्त जिला कलक्टर (एडीएम ने भी जायजा लेकर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी, जिसके चलते समस्या का समाधान भी हुआ. लेकिन एक बार फिर किसानों की नींद उड़ गई हैं.
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