Rajasthan News: दौसा में धोखाधड़ी का खुलासा होने ने अनबॉर्न बेबी चाइल्ड मे पैदा हुई. 6 महीने बाद उस अनबॉर्न बेबी चाइल्ड को मृत भी घोषित कर दिया. अब सरकारी कागजों में आने के बाद इसे कैसे कागजों से भी मिटाने का रास्ता तलाशा जा रहा है.
अनबॉर्न बेबी का 6 महीने तक चलता रहा टीकाकरण
अनबॉर्न बेबी का 6 महीने तक टीकाकरण भी चलता रहा. बच्चे का वजन भी टीकाकरण के साथ-साथ बढ़ रहा था. अनबॉर्न बेबी के पिता को इसके बारे में पता चला तो इसकी शिकायत की.
कागज पर अनबॉर्न बेबी का बढ़ता रहा वजन
दौसा में अनबॉर्न बेबी चाइल्ड ( बेटी ) का जन्म सहायक नर्स और (दाई) ने एक प्रसव का पंजीकरण किया. इसके बाद अनबॉर्न बेबी चाइल्ड को स्वस्थ रखने के लिए लगातार 6 महीने तक टीकाकरण भी हुआ. बकायदा कागज पर उसका वजन भी बढ़ता गया.
सरकारी डाटा में भी अनबॉर्न बेबी का है रजिस्ट्रेशन
अनबॉर्न बेबी चाइल्ड के पिता कमल और मां प्रियंका मीना है. जिनका मात्र एक बच्चा है. इसके अलावा और कोई संतान नहीं है. सरकारी डाटा संग्रह अभियान के तहत दूसरा बच्चा रजिस्टर्ड भी किया गया था.
कहानी का पता चला तो जिम्मेदारों ने करा दी मृत्यु
अनबॉर्न बेबी चाइल्ड का डाटा ऑनलाइन भी अपलोड कर दिया गया. अब कहानी धीरे-धीरे लोगों को पता लगने लगी तो जिम्मेदार बचने के लिए उसकी मृत्यु भी करा दी, जिसे जिम्मेदार लोगों ने सरकारी रिकार्ड में दर्ज करा दी.
लक्ष्य पूरा करने के लिए एएनएम ने फर्जी डाटा भरा
प्रियंका मीना ने कहा कि एएनएम हेमलता वर्मा पर अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए फर्जी डाटा भरा है. हेमलता वर्मा ने इस तरह के फर्जी पंजीकरण में शामिल होने से इनकार किया है.
जांच कमेटी गठित
सिकराय ब्लॉक चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी भोलाराम गुर्जर ने बताया कि यह शिकायत अनबॉर्न बेबी चाइल्ड के पिता ने दी है, जिस पर दौसा सीएमएचओ डॉक्टर सीताराम मीणा ने बीसीएमओ सिकराय की निगरानी में एक जांच कमेटी गठित की है, जो मामले की जांच करेगी.
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