'बूंदी रेलवे स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन की भिड़ंत', अधिकारी मौके पर पहुंचे तो NDRF ने बताया ये मॉक ड्रिल

डीआरएम मनीष तिवारी ने बताया कि घटनास्थल पर पेजेंसर ट्रेन के डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे और लोगो की चिल्लाने की आवाज आ रही थी. लगातार सायरन बजने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था. कोटा से रिलीफ ट्रेन रवाना हो चुकी थी. जब वह घटना स्थल पर पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ की प्रशासन ने यह मॉकड्रिल की है.

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Rajasthan News: बूंदी रेलवे स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन भिड़ंत की खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया. यहां कोटा रेलवे मंडल और बूंदी कंट्रोल रूम पर इमरजेंसी सायरन बजने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था. प्रशासन को कंट्रोल रूम से 4 यात्रियों की मौत और 15 जने घायल होने की सूचना मिली थी. कोटा रेलवे मंडल से भी ट्रेन हादसे की सूचना पर आलाधिकारी मौके पर पहुचें और जानकारी ली. लोगो की मौके पर भारी भीड़ जमा हो गयी, जहां पता चला कि एनडीआरएफ टीम द्वारा बूंदी रेलवे स्टेशन पर हादसे की मॉक ड्रिल की गई थी, ताकि ऐसे हादसे हों तो प्रशासनिक अमला किस प्रकार से अलर्ट रहता है उसकी सजकता जांची जा सके. 

सबसे पहले पहुंची एंबुलेंस, फिर पुलिस

इस मॉक ड्रिल में सबसे पहले 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची, फिर सदर पुलिस और कोतवाली, राहत बचाव ट्रेन मौके पर आई और हालातो की जानकारी ली. वहीं पुलिस नियंत्रण कक्ष से ट्रेन के भीषण दुर्घटना की सूचना पर कुछ ही पलों में जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उषा शर्मा, डीएसपी अमर सिंह, एसडीएम एचडी सिंह सहित संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. साथ ही चिकित्सा विभाग मय एंबुलेंस, नगर परिषद अग्निशमन, क्रेन, पुलिस जाब्ता, स्काउट गाइड, सिविल डिफेंस के कार्मिक भी तुरंत मौके पर पहुंच गए.

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एक के कोच चढ़ा ट्रेन का दूसरा डिब्बा

डीआरएम मनीष तिवारी ने बताया कि घटनास्थल पर पेजेंसर ट्रेन के डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे और लोगो की चिल्लाने की आवाज आ रही थी. लगातार सायरन बजने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था. कोटा से रिलीफ ट्रेन रवाना हो चुकी थी. जब वह घटना स्थल पर पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ की प्रशासन ने यह मॉकड्रिल की है. जब जाकर रेलवे के अधिकारीयों ने राहत की सांस ली. तिवारी ने बताया की इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को और अधिक चुस्त दुरूस्त बनाने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जाता है. मॉक ड्रिल के माध्यम से भीषण दुर्घटना के दौरान घायलों को तुरंत उपलब्ध करवाए जाने वाले उपचार सहित अन्य बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों को परखा गया. सभी ऐजेंसिया समय पर पहुंची और राहत कार्य में जुट गई. इस दौरान पुलिस ने सबसे पहले गंभीरता दिखाते हुए दो थानों टीम मौके पर पहुंची. प्रशासन द्वारा करीब 4 घंटे तक मॉक ड्रिल की गयी है। मौके पर कोटा टीआई द्वारा हालातो की जानकारी उच्चधिकरियों दी गयी थी.

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कलेक्टर–एसपी का नहीं आना बना चर्चा

ट्रेन हादसे की सूचना से कोटा मंडल में हड़कंप मच गया था. डीआरएम सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर राहत बचाव के कार्य में जुड़ गए. लेकिन इसी बीच बूंदी जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा, एसपी हनुमान प्रसाद मीणा मौके पर नहीं पहुंचे जिसके चलते वहां मौजूद लोगों में चर्चा का विषय बना रहा.  इतने बड़े हादसे की मॉक ड्रिल में दोनों अधिकारियों के नहीं आने पर सवाल खड़ा होता है कि क्या दोनों अधिकारी ऐसी घटनाओं को लेकर सतर्क नहीं है. या फिर शनिवार अवकाश होने के चलते दोनों अधिकारी नहीं आए. आपको बता दें कि रेलवे का मॉक ड्रिल के पीछे देश में आये दिन होने वाले हादसे पर घायलों एंव मृतकों को तुरंत राहत मुहैया करवाना है और अधिकारीयों की परर्फोर्मस देखना है.

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