Rajasthan News: राजस्थान के कोटा जिले के पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि से हुई भीषण फसल खराबी को लेकर पिछले 7 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) आखिरकार बुधवार देर रात समाप्त हो गया. किसानों को मुआवजा और फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग पर अड़े पीपल्दा विधायक चेतन पटेल (MLA Chetan Patel) ने अधिकारियों से वार्ता में सहमति बनने के बाद अपना आमरण अनशन (Fast Unto Death) खत्म कर दिया.
देर रात बनी सहमति: डेढ़ महीने का अल्टीमेटम
बुधवार देर रात धरना स्थल पर प्रशासनिक और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ विधायक चेतन पटेल की लंबी वार्ता हुई. इस वार्ता का केंद्रीय बिंदु किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई था. अधिकारियों ने लिखित में यह आश्वासन दिया कि संपूर्ण पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र के किसानों को अगले डेढ़ महीने (45 दिन) के भीतर फसल खराबी का मुआवजा और फसल बीमा क्लेम उपलब्ध करा दिया जाएगा. किसानों की समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचाने के लिए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.
प्रशासन की पहल और महापंचायत रद्द
आंदोलन समाप्त करने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी निर्णायक रही. इटावा एसडीएम स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने विधायक से बातचीत की. शुरू में एसडीएम ने ज्ञापन लेने से मना करने की बात पर अपनी स्थिति स्पष्ट की, जिसके बाद संवाद स्थापित हुआ. सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद विधायक पटेल ने आंदोलन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की घोषणा की. इसके साथ ही, अगले दिन होने वाली महापंचायत को भी निरस्त कर दिया गया. विधायक पटेल ने अपने बयान में कहा कि प्रशासन के लिखित आश्वासन और मंत्री के आमंत्रण के बाद अब किसानों के हित में आंदोलन स्थगित करना उचित है.
किसान आंदोलन क्यों हुआ?
पीपल्दा क्षेत्र में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था. किसानों की मांग थी कि जल्द से जल्द गिरदावरी पूरी कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम में देरी और प्रशासन की कथित उदासीनता के कारण विधायक पटेल ने किसानों के समर्थन में यह कड़ा कदम उठाया था.
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