एक ऐसे शिक्षक 'द रियल हीरो' के रूप में थी जिनकी पहचान, रिटायर होने पर उमड़ा जनसैलाब, लोग हुए भावुक

31 जुलाई को शिक्षक इरफान अहमद का सेवानिवृत्ति समारोह बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ ग्रामीणों की नम आंखों के बीच मनाया गया. उनकी विदाई करने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हुआ है.

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Rajasthan News: साल 2012 में शारीरिक शिक्षक इरफान अहमद को द रियल हीरो का अवार्ड दिया गया था. दौसा के द रियल हीरो इरफान अहमद को सेवानिवृत्ति होने पर ग्रामीणों ने भावभीनी विदाई दी. बीते दिन पीटीआई इरफान अहमद का सेवानिवृत्ति समारोह था. अपने कार्यकाल में इरफान ने हमेशा द रियल हीरो का किरदार अदा किया है. दौसा इरफान अहमद का जन्म मुस्लिम परिवार में जरूर हुआ है. लेकिन इनका लगाव हमेशा से हर बच्चे से रहा है जो बच्चा भारत में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखता हो.

शारीरिक शिक्षक इरफान अहमद को द रियल हीरो का अवार्ड दिया गया था. इरफान अहमद अपनी सरकारी सेवा के दौरान सदा ही वफादारी और ईमानदारी के प्रति समर्पित रहे हैं, यही कारण है कि इरफान अहमद जिस स्कूल में शारीरिक शिक्षक के पद पर लगाए गए. वहां उन्होंने छाप छोड़ी और जिस दिन उनका उसे स्कूल से तबादला हुआ. उसी दिन स्कूली बच्चे उनको वहां से विदाई देना ही नहीं चाहते.

अपने कार्यकाल में खेलों को किया प्रमोट

हालांकि सरकारी सेवा का रिवाज है तबादला होगा तो जाना भी पड़ता है. बस यही कारण रहा कि इरफान अहमद ने अपनी जिम्मेदारी को अपने सरकारी सेवा के 33 वर्ष 17 दिनों में बखूबी निभाया. इरफान अहमद ने अपने शारीरिक शिक्षक के जीवन काल में इंडिविजुअल खेलों को ज्यादा प्रमोट किया है. जैसे- बैडमिंटन, टेबिल टेनिस, खो -खो, कबड्डी इरफान अहमद के द्वारा सिखाए गए खेल से आज दर्जनों बच्चे स्पोर्ट्स कोटे के तहत सरकारी नौकरियां कर रहे हैं.

सबके चहेते इरफान अहमद

31 जुलाई को इरफान अहमद का सेवानिवृत्ति समारोह बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ ग्रामीणों की नम आंखों के बीच इस तरह मनाया, जैसे कोई बड़े नेता का स्वागत और सत्कार करने को पूरा गांव इकट्ठा हुआ है. शारीरिक शिक्षक इरफान अहमद की एक सबसे बड़ी खूबी यह भी है कि वह बच्चों को हमेशा अपने मित्र की तरह और गुरु की तरह मानते रहे हैं. जिसके चलते बच्चों के मन में खेल सीखने की भावना के साथ गुरु के लिए आस्था भी रहती है.

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एक रियल हीरो

साल 2012 में एक चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शारीरिक शिक्षक इरफान अहमद को द रियल हीरो का अवार्ड और 5 लाख की राशि देकर सम्मानित किया था. तब से शारीरिक शिक्षक इरफान की पहचान द रियल हीरो के रूप में उभर कर आई. यही कारण है कि शारीरिक शिक्षक इरफान अहमद ने अपनी सरकारी सेवाकाल के दौरान अपनी पहचान एक रियल हीरो के रूप है. इरफान अहमद अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता रिटायर्ड थानेदार मरहूम हाजी रमजान खान, माता हज्जन बिस्मिल्लाह बेगम व अपने परिवार को देते है.

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