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भारत को आत्मनिर्भर साइबर सुरक्षित राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे साइबर एक्सपर्ट खुशहाल कौशिक, यूनेस्को ने भी मानी प्रतिभा

खुशहाल कौशिक की संस्था लिसियंथस टेक ने हाल ही में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें भारत सरकार के G-20 शेरपा अमिताभ कांत मुख्य अतिथि और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल थे.

भारत को आत्मनिर्भर साइबर सुरक्षित राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे साइबर एक्सपर्ट खुशहाल कौशिक, यूनेस्को ने भी मानी प्रतिभा

टेक्नोलॉजी में हो रहे विकास ने हमारी जिंदगी तो आसान कर दी है. लेकिन इसके साथ-साथ पूरी दुनिया के सामने साइबर सिक्योरिटी एक बहुत बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. बीते कुछ सालों में साइबर क्राइम का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा है. ऐसे में साइबर एक्सपर्ट की भूमिका और जरूरत भी बढ़ गई है. बात भारत की करें तो झारखंड का जामताड़ा और राजस्थान, हरियाणा का मेवात क्षेत्र साइबर फ्रॉड बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है. यहां के साइबर ठग देश में अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इन साइबर क्रिमिनल्स से निपटने के लिए पुलिस ऑपरेशन एंटीवायरस चला रही है. जिसमें पुलिस के साथ-साथ आम लोगों की मदद देश के मशहूर साइबर एक्सपर्ट कर रहे हैं. बीते कुछ सालों में भारत में गुड़गांव के साइबर एक्सपर्ट खुशहाल कौशिक का नाम तेजी से उभरा है. खुशहाल कौशिश साइबर क्राइम को बारिकियों को समझते हुए उससे लोगों को बचाने की मुहिम चला रहे हैं. 

लिसियंथस टेक के संस्थापक-सीईओ हैं खुशहाल कौशिक

भारत के सर्वश्रेष्ठ साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के रूप में खुशहाल कौशिक की गिनती होती है. खुशहाल का कहना है कि साइबर क्राइम से बचने का एकमात्र उपाय यह है कि हम इस लड़ाई को सीधे लड़ें और दुश्मन के कैंप तक पहुंचें. खुशहाल कौशिक लिसियंथस टेक के संस्थापक-सीईओ हैं. यह गुरुग्राम स्थित साइबर सुरक्षा फर्म है जो सुरक्षा ऑडिट सेवाओं से लेकर सुरक्षा आकलन, प्रशिक्षण और प्रमाणन तक की अत्यधिक विशेषीकृत साइबर सुरक्षा सेवाएँ प्रदान करती है.

2018 और 2021 में यूनेस्को ने भी मानी खुशहाल की प्रतिभा

खुशहाल को 2018 में यूनेस्को द्वारा प्रस्तुत किए गए पहले भारतीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में चयनित किया गया था. इस उपलब्धि के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें नई दिल्ली के प्रतिष्ठित विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में सम्मानित किया. फरवरी 2021 में यूनेस्को ने खुशहाल का दूसरे शोध पत्र को भी प्रकाशित किया. खुशहाल को एक पूर्व अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुभवी और नौसेना विश्लेषक द्वारा प्रमुख मीडिया प्रकाशनों में भारत में साइबर सुरक्षा के भविष्य के रूप में मान्यता और प्रोफाइल किया गया है.

भारत के अलग-अलग संस्थानों में देते हैं लेक्चर

खुशहाल पंजाब विश्वविद्यालय, अमेटी विश्वविद्यालय, मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान, चंडीगढ़ समूह कॉलेजों, सीआरपीएफ, नेटग्रिड, गृह मंत्रालय, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस, सीआईआई, सीआईएसएफ, डीआरडीओ, पीएचडी सीसीआई, इंडियन एक्सप्रेस, ट्राई (TRAI), Confederation of Indian Industry(CII) एसआरएम विश्वविद्यालय और फॉरे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जैसे संस्थानों में व्याख्यान और सेमिनार में शामिल होते आए हैं. जहां वो लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक करते हैं. 

खुशहाल की साइबर दक्षता भारत तक ही सीमित नहीं है. साइबर एक्सपर्ट के रूप में खुशहाल को विदेशों से भी बुलावा आया रहा है. हाल ही में शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय ने उन्हें साइबर सुरक्षा के तरीकों पर एक विस्तृत प्रस्तुति के लिए और एथिकल हैकिंग और साइबरस्पेस सुरक्षा पर एक कोर्स शुरू करने की जानकारी लेने के लिए आमंत्रित किया था. 

साइबर सुरक्षा सामान्य बातचीत का विषय बने

इन पेशेवर उपलब्धियों के बावजूद, खुशहाल को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि भारत एक महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पावर होने के बावजूद, साइबर सुरक्षा के मामले में अपेक्षाकृत मामूली रूप में पहचाना जाता है. खुशहाल  चाहते हैं कि इस धारणा को वे अपने वैश्विक मंचों पर अपने उद्यमों और पहलों के माध्यम से बदलें. खुशहाल के लिए लिसियंथस टेक केवल एक कंपनी नहीं है. यह एक सपने की गाड़ी है जो उन्हें अपनी दृष्टि को वास्तविकता में बदलने में मदद करेगी, ताकि साइबर सुरक्षा एक सामान्य बातचीत का विषय बन सके. 

अमिताभ कांत और कैलाश विजयवर्गीय भी कार्यक्रम में हुए थे शामिल

इसी संदर्भ में, खुशहाल  कौशिक की संस्था लिसियंथस टेक ने 11 जून 2024 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें भारत सरकार के G-20 शेरपा अमिताभ कांत मुख्य अतिथि थे और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया. खुशहाल  कहते हैं कि वे समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे ताकि साइबर सुरक्षित भारत को सशक्त किया जा सके.

पाठ्यक्रम का हिस्सा बने साइबर सुरक्षा

इसके लिए वे सरकार और भारतीय निजी क्षेत्र से सहयोग की अपेक्षा करते हैं, जिसमें विशेष ध्यान शोध, नवाचार और सबसे महत्वपूर्ण, सभी के लिए प्रशिक्षण पर है. वे चाहते हैं कि साइबर सुरक्षा को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल स्तर के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए. साथ ही वे केवल स्थानीय डेवलपर्स को पोषित करने का सुझाव देते हैं, जिससे भारत एक आत्मनिर्भर साइबर सुरक्षित राष्ट्र बन सके. अपने सफर के दौरान, खुशहाल और उनकी फर्म कई सरकारी संगठनों, एजेंसियों और निजी निगमों के लिए एक पसंदीदा साझेदार बन चुकी हैं.
 

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