इस साल भी प्यासे रहेंगे दौसा-सवाई माधोपुर के 1256 गांवों के लोग, पूरा नहीं हुआ ईसरदा बांध का निर्माण काम

बनास नदी पर बन रहे ईसरदा बांध के निर्माण की समय सीमा तीन बार बढ़ाई जा चुकी है. हालांकि, अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है. इस बांध से दौसा-सवाई माधोपुर के 1256 गांव के लोगों को फायदा होगा.

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Isarda Dam Project: टोंक-सवाई माधोपुर जिले की सीमा पर बनास नदी पर 11 सालों से बन रहे ईसरदा बांध के निर्माण काम अभी तक 78 प्रतिशत ही पूरा हो सका है. खास बात है कि इस बांध के निर्माण के लिए तीन बार डेड लाइन बढ़ाई जा चुकी है. हालांकि, अभी तक पूरी तरह से बांध का निर्माण नहीं हो सका है. काम न पूरा होने के चलते सवाई माधोपुर के 1256 गांवों और 6 शहरों के लोगो के सामने इस साल भी पानी की समस्या बरकरार रहेगी. 

3 बार बढ़ी डेड लाइन

इस बांध के लिए 2013 में 530 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था. हालांकि, बाद में बजट को संशोधित करके 1856 करोड़ रुपये कर दिया गया. पिछले 10 सालों में इसके निर्माण की डेड लाइन अब तक तीन बार बदली जा चुकी है. पहली बार डेडलाइन को 2021 में, इसके बाद दूसरी बार अक्टूबर 2023 में और अब एक बार फिर से तीसरी बार डेडलाइन को अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया है. 

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1256 गांवों के लोगों होगा फायदा

दौसा और सवाई माधोपुर के 6 शहरों सहित 1256 गांवों को ईसरदा बांध परियोजना के पूरे होने का इंतजार है. जिससे वह अपनी प्यास बुझा सके. फिलहाल 27 गेटों के साथ ही बांध का कार्य प्रगति पर है. ईसरदा बांध परियोजना के अतिरिक्त मुख्य अभियंता जितेन्द्र लुहाड़िया ने बताया कि बांध का 78 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. इस मानसून सत्र के दौरान कुछ पानी रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं, सब कुछ ठीक रहा तो संभवतया 1 मीटर तक पानी रोकने के प्रयास किये जायेंगे वर्ना कॉपर डेम में 249 आरएल मीटर तक पानी ही रोक पाएंगे. 

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बता दें कि ईसरदा बांध में प्रथम चरण में 256 आरएल मीटर तक जलसंग्रहण करके कुल 3.34 टीएमसी पानी का जल संग्रहण किया जाएगा. वही दूसरा चरण पूरा होने पर इस बांध में 262 आरएल मीटर तक पानी रोककर कुल 10.77 टीएमसी पानी का संग्रहण किया जाएगा. ईसरदा बांध की उम्मीदों का प्रमुख स्रोत बीसलपुर बांध होगा, जंहा से गेट खोलकर पानी की निकासी होगी तो वह पानी सीधा इस बांध में पंहुचेगा. वहीं दूसरी ओर बीसलपुर बांध की डाउन स्ट्रीम वाले राजमहल से लेकर बनेठा और ईसरदा तक के सैकडों गांवों का बनास में आने वाला पानी और क्षेत्र के छोटे बड़े बांधों का ओवर फ्लो पानी भी इस बांध को भरने में सहायक होगा. 

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