7 माह पहले परमिट खत्म, 4 महीने में 40 चालान...फिर भी 7 RTO चौकियां पार कर यूपी से राजस्थान चली आई बस जिसमें लगी आग

Manoharpura Bus Fire: हादसे के बाद परिवहन विभाग ने भरतपुर और दौसा के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) के तीन निरीक्षकों को APO कर दिया है. साथ ही दोनों जिलों के आरटीओ प्रमुखों को भी नोटिस जारी किया गया है.

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Rajasthan: जयपुर के मनोहरपुरा इलाके में मंगलवार, 28 अक्टूबर को हुए बस आग हादसे ने सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट व्यवस्थआ के तंत्र को लेकर गंभीर सवाल पैदा कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में बरेली और पीलीभीत से राजस्थान में एक ईंट भट्ठे पर काम के लिए मजदूरों को लेकर आ रही बस में एक हाईटेंशन तार के छूने से आग लग गई थी. हादसे में एक पिता और उसकी बेटी की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. हादसे की प्रारंभिक जांच में कई चौंकानेवाली बातें सामने आ रही हैं. पुलिस ने बस मालिक और चालक समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन पांचों में मजदूरों का ठेकेदार और ईंट भट्ठा मालिक भी शामिल हैं. 

बस मालिक, चालक, ठेकेदार के खिलाफ FIR

मनोहरपुर थाना प्रभारी भगवान सहाय ने बताया, "एफआईआर बुधवार सुबह मनोहरपुर थाने में दर्ज की गई. प्रारंभिक जांच में सभी की ओर से गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसके कारण यह हादसा हुआ. पुलिस ने बस मालिक आरिफ मंसूरी, चालक मतलूब हुसैन, मजदूर ठेकेदार शाहरुख और ईंट भट्ठा मालिकों डोलूराम व कन्हाराम के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है."

थाना प्रभारी ने बताया कि बस की छत पर कई सामान रखे हुए थे, जिनमें बाइक, एलपीजी सिलेंडर और मजदूरों के अन्य सामान शामिल थे. छत ओवरलोडेड थी, जिसके कारण वह हाई टेंशन तार से टकरा गई. टकराने के बाद करंट लगने से सिलेंडर और दो पहिया वाहनों के इंजन फट गए, जिससे भीषण आग लग गई. अब तक तीन सिलेंडर और दो टू-व्हीलर जली हुए हालत में बरामद किए गए हैं.

बस में 36 सीटें थीं जिसे मॉडिफाइ कर 50 सीटों वाला बना दिया गया
Photo Credit: ANI

बिना परमिट के ही चला रहे थे बस

साथ ही प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बस का परमिट 21 अप्रैल को समाप्त हो गया था, फिर भी मालिक ने उसे चलाया. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस ने यूपी के पांच और राजस्थान के दो मिलाकर सात आरटीओ चौकियां पार कीं, इसके बावजूद किसी ने बस को नहीं रोका जबकि उसका परमिट खत्म हो चुका था. जांच में यह भी सामने आया है कि पिछले चार महीनों में इस बस के करीब 40 चालान काटे गए थे. संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है."

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हादसे के बाद परिवहन विभाग ने भरतपुर और दौसा के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के तीन निरीक्षकों को प्रतीक्षारत पदस्थापन (एपीओ) कर दिया है. भरतपुर के दो आरटीओ निरीक्षकों गौतम मिश्रा व रामचंद्र और दौसा के निरीक्षक को पुष्पेंद्र भारद्वाज को एपीओ किया गया है. साथ ही दोनों जिलों के आरटीओ प्रमुखों को भी नोटिस जारी किया गया है.

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