Jaipur Bus Accident: राजधानी जयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मंगलवार सुबह 11 केवी हाइटेंशन लाइन से बस भिड़ने के कारण आग लग गई. इस दर्दनाक हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई. ये सभी लोग उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिला से ईंट भट्टे में काम करने के लिए लाए जा रहे थे. इससे पहले जैसलमेर बस हादसे ने सबको झकझोंर कर रख दिया. बच्चों के जले हुए खिलौने, खाना पकाने के लिए लाया हुआ राशन, जले हुए बर्तन, चूल्हा बस के आस पास बिखरा हुआ ये सामान हादसे की भयावहता और वेदना को बयान कर रहा है.
काम की तलाश में आए थे लोग
ये मजदूर जो यहां काम की तालाश में आए थे. रोजगार की उम्मीद से आए थे. उन्हें नहीं पता था कि इस तरह ये सुबह उनके लिए दर्दनाक होगी. वे अपने साथ घर गृहस्थी का सारा सामान लेकर आए थे. साथ में, मवेशी और चारा भी ले जा रहे थे. बस में करीब 15 गैस के सिलेंडर थे. आग के बाद दो से तीन सिलेंडर में ब्लास्ट भी हुआ. वहीं बस में रखी मोटर साइकिल और साइकिल भी जल गई. बस वाहनों का केवल ढांचा बचा है.

बच्चों के खिलौने, साइकिल जले
हादसे को हुए तीन घंटे बीत जाने के बाद भी बस में से धुआं निकल रहा है. बस के पास एक चूल्हा है जो जल गया है. उसके पास जले हुए सामान से धुआं निकल रहा है. पास में एक पीपा है, जिसमें मसाले हैं. सब अब बिखर गया है. बच्चों की साइकिल सब जलकर खाक हो गई है. हादसे में मेहंदी को भी चोट आई है. उसकी बच्ची के पांव में चोट लगी है, लेकिन वो दिखाने नहीं जा रही है. उसका रो रो कर बुरा हाल है. उसने बताया कि उसके भाई भाभी और भतीजी को ज्यादा चोट आई है. शायद उसे नहीं पता कि उसका भाई और भतीजी अब इस दुनिया में नहीं है.
'बच्चों का क्या होगा'
बस हादसे से बचे हुए लोगों को ईंट भट्टे के पास ही बिठाया गया हैं. वहां, घायल और मृतकों के परिजनों का हाल बेहाल है. जाने वालों का ग़म, जो घायल है, उनकी सेहत के लिए दुआ और बच्चों को संभालते हुए चंदा बेगम की सास अपने बच्चों को संभालते हुए बोली कि अब बच्चों का क्या होगा. हम आग लगते ही चिल्लाए और भागे. वहां ग्रामीणों ने उनके लिए खाने की व्यवस्था की है. बच्चों ने बताया कि उन्होंने कल रात साढ़े 8 बजे खाना खाया था. इसके बाद से वे भूखे हैं. अब जाकर उन्हें खाना मिल पाया है.

कांच तोड़कर निकले लोग
आरिफ़ा ने बताया कि उन्होंने बस ड्राइवर को बोला था कि बस रोक लो, लेकिन वो नहीं माना. जो लोग पीछे बैठे थे, वे कांच तोड़कर निकल गए, लेकिन आगे बैठे लोगों को चोट लग गई. वे अपने साथ खाने पीने का राशन, रसोई का सामान सब लेकर आए थे. बस में एक बकरी और 3-4 मुर्गियां भी थी. वहीं, रहीस ने बताया कि ये सभी लोग एक ही परिवार के हैं, आपस में रिश्तेदार ही हैं. बस में 20 परिवार थे, उनका परिवार 7 लोगों का है. सब लोग ऊपर नीचे बैठे हुए थे. फर्श पर भी गद्दे बिछाकर लेटें हुए थे.

हादसे के बाद तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे. एफएसएल टीम जांच में जुट गई है. संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर ने मौके पर पहुंच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. इस हादसे के बाद एक बार फिर लापरवाही और सरकार उदासीनता के भी सवाल उठते हैं. जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि बस में लगभग 65 लोग बताए जा रहे थे. इन्हें पीलीभीत से यहां ईंट भट्टा में काम करने लाया गया था. इसके बाद यह बस जब यहां से गुजर रही थी तो एक बार रुक गई थी. इसके बाद लोगों ने परिचालक से उतर कर बताया कि आगे आ जाइए और इससे ऊपर मेटल की वस्तुओं में एक्सटेंशन लाइन टच होने से ये हादसा हुआ.
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