Phalodi Satta Bazar: फलोदी सट्टा बाजार आकलन को लेकर सालों से चर्चाओं में रहा है. जहां चुनाव होगा या IPL मैच यहां तक की मौसम के आंकलन पर भी सट्टा लगाया जाता है. वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के आंकलन को लेकर फलोदी सट्टा बाजार इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. हालांकि, दो दिनों से फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) बंद होने की वजह से सुर्खियों में आ गया है. बताया जा रहा है कि फलोदी सट्टा बाजार बंद होने से सटोरियों को करोड़ों को नुकसान हो रहा है.
आपको बता दें फलोदी सट्टा बाजार 500 साल से आंकलन को लेकर पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां अमेरिका के चुनाव पर भी आकलन कर सट्टा लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां जो आंकलन किया जाता है वह काफी सटीक होते हैं. लेकिन 15 मई और 16 मई को फलोदी सट्टा बाजार में सन्नाटा छाया रहा.
मीडिया रिपोर्ट्स का असर
फलोदी सट्टा बाजार मीडिया में काफी सुर्खियों में रहा है. लेकिन एक अखबार में फलोदी सट्टा बाजार को लेकर रिपोर्ट छपने के बाद यहां हड़कंप मच गया. क्योंकि इसमें फलोदी सट्टा बाजार के बारे में रिपोर्ट छापी गई, जिसमें यहां कैसे सट्टा बाजार काम करता है इसे लेकर बात उजागड़ की गई. वहीं रिपोर्ट में यहां के ही एक शख्स जिसका नाम अंटू चाण्डा है उसकी तस्वीर छापी गई. जिसे सट्टा बाजार का अध्यक्ष बताया गया था. अंटू चाण्डा को लेकर कहा गया कि उन्होंने बताया कि अभी तक लोकसभा चुनाव में 110 करोड़ का सट्टा लग चुका है. जो 4 जून तक 300 करोड़ तक पहुंच सकता है.
अंटू चाण्डा ने जताई थी आपत्ति
दरअसल, इस रिपोर्ट के छपने के बाद पूरे बाजार में हड़कंप मच गया. वहीं अंटू चाण्डा कथित सट्टा बाजार कारोबारी ने नाराजगी जाहिर कर रिपोर्ट को गलत बताया. साथ ही कहा कि यह उनके खिलाफ एक साजिश रची गई है. उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही. चाण्डा ने बताया उसकी किसी से बात भी नहीं हुई. वहीं उन्होंने कहा कि यह कोई सट्टा बाजार नहीं है यहां लोग आंकलन करते हैं.
बता दें, रिपोर्ट छपने के बाद फलोदी सट्टा बाजार में रोष का माहौल है.इस वजह से यहां दो दिनों से सामान्य दुकानें भी बंद रही. वहीं फलोदी सट्टा बाजार बंद होने से सटोरियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. क्योंकि यहां कई चीजों के आकलन पर सट्टा लगाया जाता है.
फलोदी सट्टा बाजार का नेटर्वक पूरे देश में
फलोदी सट्टा बाजार का नेटवर्क केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हैं. हालांकि इस जगह को नमक नगरी भी कहा जाता है. लेकिन इस जगह को फलोदी सट्टा बाजार के नाम से ज्यादा जाना जाने लगा है. बताया जाता है कि यहां 500 सालों से आंकलन कर सट्टा लगाया जाता रहा है. वहीं फलोदी सट्टा बाजार का आंकलन कई बार सही पाये जाने के बाद बाजार बढ़ता गया है.
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