PKC ERCP Project: पीएम मोदी ने राम सेतु कलश में मिलाया राजस्थान और MP की तीन नदियों का जल - जानिए महत्व

Rajasthan: दो दशकों से अटकी हुई पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की शुरूआत करने के लिए पीएम मोदी मंगलवार को राजस्थान के जयपुर में थे.

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PM Modi Launch PKC ERCP Project

PKC-ERCP Inauguration:  भजनलाल सरकार का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के जयपुर में वाटिका रोड पर आयोजित 'एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष'प्रोग्राम में शामिल हुए. जहां उन्होंने पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) का उद्घाटन किया. दो दशक से अटकी हुई इस परियोजना की शुरूआत करने के दौरान पीएम ने दोनों राज्यों की नदियों के पार्वती, कालीसिंध और चम्बल नदी के जलों के प्रतिरूपी घड़ों में भरे पानी को पार्वती कालिसिंध चंबल परियोजना के प्रतिरूपी घड़े  में पानी मिलाकर इसका शिलान्यास किया. जिसे राम सेतु कलश कहा गया.

इस परियोजना में राम सेतु का अर्थ दो राज्यों के बीच आपसी रिश्तों प्रगाढ़ता लाने के लिए गया है क्योंकि इस परियोजना के अंतर्गत एमपी और राजस्थान की नदियों पर्वती , कालीसिंध और चंबल को लिंक कर 21 जिलों को फायदा मिलेगा. 

कलश में जल डालने की इस प्रक्रिया को भारतीय संस्कृति में बहुत शुभ माना जाता है. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसे देश की समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है. इसी वजह से दशकों से अटके इस प्रोजेक्ट के लिए प्रतिकृति कलश की विधि अपनाई गई. ताकि देवताओं को भी इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनाया जा सके और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके.

तीनों नदियों का जल राम सेतु कलश में मिलाया 

इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए तीनों नदियों का जल एक बड़े घड़े में मिलाया गया. इसे 'राम सेतु कलश' नाम दिया गया. क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलश के मुख में विष्णु, कंठ में महेश, मूल में ब्रह्मा और मध्य में मां शक्ति का वास होता है. इस तरह तीनों नदियों का जल इस एक कलश में मिलाकर इनके साथ साथ सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया गया.

दोनों राज्यों के बीच बना ऐतिहासिक रिश्ता

इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए पीएम ने सबसे पहले जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के जरिए चंबल नदी का जल डलवाया. इसके बाद एमपी के सीएम मोहन यादव के जरिए कालीसिंध नदी का जल डलवाया गया. दोनों नदियों के जल को मिलाने के बाद राजस्थान के सीएम भजन लाल के जरिए पार्वती नदी के कलश की प्रतिकृति देकर इस कार्य को पूरा किया गया. और तीनों नदियों के जल को राम सेतु कलश में मिलाकर दोनों राज्यों के बीच एक ऐतिहासिक रिश्ता बन गया है.

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