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भरतपुर में मजदूरों के लिए रोजी-रोटी की संकट बनी जहरीली हवा, कैसे करेंगे बच्चों के खाने की व्यवस्था

भरतपुर जिला NCR के का हिस्सा है. इस वजह से प्रदूषण को लेकर जो निर्देश जारी किये गए हैं उस वजह से भरतपुर में भी गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप-चार लागू कर दिया है.

भरतपुर में मजदूरों के लिए रोजी-रोटी की संकट बनी जहरीली हवा, कैसे करेंगे बच्चों के खाने की व्यवस्था

Rajasthan News: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और जहरीली हवा की वजह से यहां रहने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. जहरीली हवा का स्तर बढ़ने से सांस से संबंधित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसे लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्यवाही के निर्देश दिये हैं. इतना ही नहीं बच्चों को स्कूल जाने से मना किया है और नौकरी करने वालों को वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी उन मजदूरों के लिए है जो कंस्ट्रक्शन से जुड़े कंपनियों में काम करते हैं. कुछ यही मजबूरी भरतपुर के मजदूरों के सामने भी दिख रही है और अब उनके लिए रोजी रोटी की संकट पैदा हो गई है.

दरअसल, राजस्थान का भरतपुर जिला NCR के का हिस्सा है. इस वजह से प्रदूषण को लेकर जो निर्देश जारी किये गए हैं उस वजह से भरतपुर में भी गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप-चार लागू कर दिया है. जिसके चलते निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा भरतपुर NCR का हिस्सा होने की वजह से माइंस और क्रेशर इंडस्ट्रीज को बंद करा दिया गया है. इसके चलते मजदूरों के सामने रोजगार की संकट आ गई है और रोजगार न मिलने से रोजी-रोटी की संकट आ गई है.

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बच्चों के लिए कैसे होगी खाने की व्यवस्था

भरतपुर में माइंस और क्रेशन इंडस्ट्रीज के बंद होने से रोजाना कमाने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की संकट पैदा हो गई है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि प्रदूषण कंट्रोल उपाय लागू होने से उन्हें डर है कि उनके लिए अपने बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो जाएगा. दूसरी ओर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विजिलेंस टीम लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही है साथ ही जो नियमों की पालना नहीं कर रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

मजदूरों ने बताया कि गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पहले से ही उपाय करने चाहिए अब जिस तरह से इंडस्ट्रीज को बंद किया गया है. जिसके चलते दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा. कई मजदूर ऐसे है जिन्हें 200 से 300 रुपए मजदूरी मिलती है और इसी से उनके परिवार का पालन पोषण होता है और वहीं परिवार में कमाने वाले है. उनके ऊपर परिवार निर्भर है.

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सरकार को पहले ही करने चाहिए प्रदूषण के उपाय

व्यापारी का कहना है कि भरतपुर NCR क्षेत्र में आने के चलते पहले से यहां उद्योग धंधा नहीं है. लोगों को बाहर मजदूरी करने जाना पड़ रहा है. इसके अलावा वायु प्रदूषण को देखते हुए माइंस और क्रेशर इंडस्ट्रीज को बंद किया गया है उसके चलते व्यापारी और मजदूरों का हाल बेहाल हो जाएगा. सरकार को पहले से ही वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय करने चाहिए जिससे आगे व्यापारी और मजदूरों के सामने संकट खड़ा नहीं हो सके.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि भरतपुर में पिछले तीन दिन का AQI 260 के आस पास है .बुधवार को 210 के आस पास है.सभी माइंस और क्रेशर इंडस्ट्रीज को बंद करा दिया है.इसकी शक्ति से पालना के लिए विजिलेंस टीम लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही है.दो दिन में 200 से नीचे AQI आ जाएगा.

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