​​​​​​Rajasthan News: पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निकला डंपर चोर गैंग का सरगना, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा 

पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आले दर्जे के शातिर चोर हैं जो गिरोह बनाकर चोरी करते हैं. उनका एक साथी अन्य जिले में मजदूरी के लिए जाता है और ठेकेदार का विश्वास जीत कर वाहन चोरी करता है. फिर वाहन को गांव और कच्चे रास्तों से गिरोह के अन्य सदस्यों को सुपुर्द कर वापस उसी जगह काम पर लग जाता है ताकि उस पर कोई संदेह ना हो.

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Jodhpur News: जोधपुर शहर के सूरसागर चौपड़ से 21 अगस्त को चोरी हुए एक डंपर का पुलिस ने ढूंढ निकाला है.  पुलिस ने इसके पीछे पूरे एक गैंग का खुलासा किया है. इस गैंग के दो आरोपियों को बाड़मेर से गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार चोरों की निशानदेही पर डंपर को जब्त किया गया है. इस गैंग का सरगना बाड़मेर कॉलेज में 2018 में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चूका है. 

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि 21 अगस्त को फिलाबेरा बाईपास रोड सूरसागर निवासी हेमन्त सांखला ने रिपोर्ट दी थी. इसमें उसकी फिदूसर चौपड एरिया की खान से डंपर चोरी हो गया था. रक्षाबंधन के त्यौहार की छुट्टी होने पर खान में कोई भी स्टाफ नहीं था. घटना को गंभीरता से लेते हुए थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था. 

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पांच सौ कैमरों को खंगाला 

पुलिस की टीम ने घटनास्थल से बम्बोर, आगोलाई, 38 मील, सोइन्तरा, शेरगढ़, छाबा, फलसूण्ड, उण्डू, भियाड़, शिव, गुगा जिला बाड़मेर से जैसलमेर से शिव, चौहटन होते हुए बुराहान का तला बाड़मेर तक के रूट में पड़ने वाले स्थानों पर करीब 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया. इसके बाद चोरी के आरोप में बाड़मेर जिले के जालीपा थाना हाल दानजी की हौदी थाना बाड़मेर रिको निवासी जगदीश पुत्र किशनलाल जाट और भदडिया थाना नाचना जिला जैसलमेर निवासी जितेन्द्र उर्फ जीतू पुत्र अनोपसिंह को गिरफ्तार कर चोरी का डंपर बरामद किया. इसमें जगदीश जाट बाड़मेर कॉलेज में 2018 में छात्रसंघ का अध्यक्ष भी रह चुका है.

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ठेकेदार का विश्वास जीतने के बाद करते वारदात

पूछताछ और जांच में पता चला है कि आरोपी आले दर्जे के शातिर चोर हैं जो गिरोह बनाकर चोरी करते हैं. उनका एक साथी अन्य जिले में मजदूरी के लिए जाता है और ठेकेदार का विश्वास जीत कर वाहन चोरी करता है. फिर वाहन को गांव और कच्चे रास्तों से गिरोह के अन्य सदस्यों को सुपुर्द कर वापस उसी जगह काम पर लग जाता है ताकि उस पर कोई संदेह ना हो. आरोपी इतने शातिर हैं कि चोरी के घटना के दौरान अपना मोबाइल फोन बंद कर देते हैं ताकि पुलिस द्वारा ट्रैस नहीं किए जा सकें.

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