Explainer: अशोक गहलोत की धुर विरोधी का कांग्रेस में प्रमोशन, जानें दिव्या मदेरणा को मिली नई जिम्मेदारी के सियासी मायने?

Divya Maderna Latest News: कांग्रेस ने ओसियां की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा को AICC सचिव बनाने के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संयुक्त प्रभारी भी नियुक्त किया है. आज इस प्रमोशन की चर्चा राजस्थान के राजनीति गलियारों में सबसे ज्यादा हो रही है.

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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ दिव्या मदेरणा की तस्वीर.

Rajasthan News: इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC) ने दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) को एआईसीसी सचिव व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संयुक्त प्रभारी नियुक्त करके राजस्थान की राजनीति में बड़ा दांव चला है. उनके इस प्रमोशन के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, जिसकी चर्चा गली मोहल्ले से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह हो रही है. अपने तीखे बयानों के लिए हमेशा चर्चाओं में रहने वाली दिव्या मदेरणा इस वक्त 'एक्स' पर टॉप ट्रेंड कर रही हैं, और लोग उन्हें बधाईयां दे रहे हैं.

अशोक गहलोत से पुरानी अदावत

खुद को किसी भी गुट का हिस्सा न मानने वाली मदेरणा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की धुर विरोधी मानी जाती हैं. कहा जाता है दिव्या के दादा परसाराम को अशोक गहलोत के कारण ही मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. इसके लिए मदेरणा परिवार आज भी अशोक गहलोत को जिम्मेदार मानता है. जोधपुर की ओसियां विधानसभा सीट से पूर्व विधायक मदेरणा हमेशा से ही अशोक गहलोत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रही हैं. 26 वर्ष की उम्र में उन्होंने पहला चुनाव जीता था. आज वो 39 साल की हैं और विरोधी के साथ-साथ अपने पार्टी के नेताओं को भी गलती पर टोकने में संकोच नहीं करती हैं.

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एक्स पोस्ट में दादा-पिता का जिक्र

पार्टी हाईकमान से साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए मदेरणा ने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल का मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूं कि आपने मुझे AICC सचिव एवं Jammu & Kashmir and Ladakh का संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया है. मेरे दादा परसराम मदेरणा और पिता महिपाल मदेरणा ने मुझे संगठन के प्रति अटूट निष्ठा और सेवा भाव की विरासत दी है. उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए, मैं इस दायित्व को पूरी तन्मयता, कुशलता के साथ निभाऊंगी. साथ ही मैं पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस को और अधिक मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करूंगी. आपके विश्वास के लिए पुनः हार्दिक धन्यवाद.'

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जाट वोट बैंक के कारण प्रमोशन

दिव्या के प्रमोशन का मतलब है कि कांग्रेस नए और युवा नेताओं पर दांव लगा रही है. राजस्थान में जाट वोट बहुत महत्वपूर्ण है. दिव्या एक पुराने स्थापित जाट परिवार से आती हैं और परंपरागत कांग्रेसी हैं. उनके इस प्रमोशन का कारण पश्चिमी राजस्थान में जाट वोट बैंक बताया जा रहा है. इस लोकसभा चुनाव में जाट कांग्रेस के साथ रहे और कई सीटों पर बीजेपी को हराने में मदद की. सचिन पायलट फेसऑफ में भी दिव्या न्यूट्रल रहीं थीं. वह एक मजबूत व्यक्तित्व वाली महिला हैं और पार्टी में किसी भी गुट से जुड़ी नहीं हैं. दिव्या मदेरणा ने अपने क्षेत्र के लोगों को यह भी संदेश दिया है कि भले ही उसे कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी सौंप है, लेकिन वह ओंसिया से दूर नहीं रहेंगी.

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