Rajasthan Politics: SI भर्ती परीक्षा को लेकर राजस्थान में गरमाई राजनीति, डोटासरा बोले- यह बयाना न लौटाने की लड़ाई

Rajasthan Politics: एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर राजस्थान में राजनीति तेज हो गई है. गुरुवार को हाईकोर्ट में सरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए कहा अभी मामले की जांच जारी है. ऐसे में इस भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं कर सकते.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा.

SI Exam Paper Leak Case 2021: पेपर लीक और भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों में घिरे एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग राजस्थान में लंबे समय से उठ रही है. इस भर्ती परीक्षा की जांच में जुटी एसओजी टीम ने अभी तक मामले में करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 50 के करीब ट्रेनी एसआई भी हैं. इस भर्ती परीक्षा में धांधली के इतने सबूत सामने आने के बाद भी सरकार ने इसे अभी तक रद्द नहीं किया है. गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर अहम सुनवाई हुई. जहां सरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए जांच जारी होने का हवाला देते हुए भर्ती अभी रद्द नहीं करने की बात की. अब इस मामले को लेकर राजस्थान में राजनीति तेज हो गई है.

एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर डोटासरा ने सरकार पर बोला हमला

दरअसल SI भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा कि यह सरकार नहीं सर्कस है. एसआई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं करने के बाबत उन्होंने लिखा कि यह बयाना वापस नहीं करने की लड़ाई है. 

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यह बयाना न लौटाने का लड़ाईः गोविंद सिंह डोटासरा

गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा- मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट का एक पक्ष भर्ती रद्द करने को तैयार नहीं, जबकि एक कैबिनेट मंत्री और सरकारी मशीनरी समेत दूसरा पक्ष भर्ती निरस्त कराने पर अड़ा है. लगता है दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष से 'बयाना' ले रखा है और ये बयाना न लौटाने की लड़ाई हो.

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कैबिनेट, एजी, एसओजी और पुलिस की सिफारिशों को किया नजरअंदाज

डोटासरा ने आगे लिखा- मुख्यमंत्री जी ने कैबिनेट की राय, सब कमेटी के सुझाव, एजी, SOG और पुलिस की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए भर्ती रद्द नहीं करने का निर्णय किया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रेनी SI की पोस्टिंग-ट्रेनिंग पर रोक और अवमानना पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

डोटासरा ने आगे लिखा- यह मुख्यमंत्री जी ने निर्णय क्यों किया है? इसके पीछे सत्ता का 'वर्चस्व' है या कोई 'सेटलमेंट', यह भी एक पहेली है.

यह सरकार नहीं सर्कस हैः कांग्रेस नेता

सरकार के निर्णय से नाखुश कैबिनेट मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार को घेरना और महाधिवक्ता द्वारा इस मामले की पैरवी से हटना बताता है कि भाजपा सरकार अंतर्कलह से बुरी तरह जूझ रही है. सरकार का हर मुद्दे पर तमाशा बन रहा है. निर्णयों को लेकर सरकार के भीतर भ्रमित और अनिश्चितता की स्थिति से प्रदेश का युवा व जनता पिस रही है. इसीलिए जनता भाजपा की #पर्ची_सरकार को सरकार नहीं 'सर्कस' कहती है.

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