सिनेमाहॉल में जबरदस्ती दिया पॉपकार्न अब भरना होगा 75 हजार रुपये जुर्माना

फिल्म टिकट के साथ जबरदस्ती पॉपकार्न बेचने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सिनेमा हॉल पर 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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प्रतीकात्मक चित्र

सिनेमाहॉल में फिल्में तो आपने बहुत देखी होंगी लेकिन उस दौरान अगर यह शर्त हो कि आपको टिकट के साथ वहां बिकने वाला सामान खरीदना अनिवार्य है तो यह जानकर अटपटा जरुर लगेगा और आप नाराज भी होंगे लेकिन कुछ करने की स्थिति में नहीं होंगे. लेकिन ऐसा नहीं है अगर आपको लगता है किसी भी सिनेमाहॉल की शर्तें अजीब हैं तो आप जानकारी जुटाकर उपभोक्ता मामले मंत्रालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

टिकट के साथ पॉपकार्न खरीदने को किया मजबूर

ऐसा ही एक मामला राजस्थान का है जहां चार दर्शकों को जबरदस्ती सिनेमा हॉल में 200 रुपए की पॉप कार्न टिकट के साथ खरीदने को मजबूर किया गया. हालांकि दर्शकों की सूझबूझ से यह मामला संज्ञान में आया और अब आरोपी मिराज सिनेमा बायोस्काप और मिराज एंटरटेनमेंट को न केवल पॉप कार्न की कीमत बल्कि 75 हजार 200 रुपए भी अदा करने होंगे.

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा और सदस्य बलवीर खुड़खुड़िया ने दर्शकों के परिवाद मंजूर करते हुए आदेश दिया कि दोनों विपक्षी परिवादी को दो माह में 20 हजार रुपए हर्जाना, 5 हजार रुपए परिवाद व्यय और 200 रुपए पॉप कार्न के तथा सिनेमा हॉल द्वारा दर्शकों से मुनाफाखोरी कर जबरन पॉप कार्न बेचने पर उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपए भी जमा कराएं और जिला कलक्टर को उचित कार्रवाई करने के लिए निर्णय की प्रति भी प्रेषित करने के आदेश दिए.

क्या था पूरा मामला

परिवादी अनिल भंडारी, उर्मिला भंडारी, रंजू जैन और शांति चंद पटवा ने शिकायत दायर कर कहा कि 24 मई 2018 को उन्होंने फिल्म देखने के लिए 140 रुपए प्रति टिकट पेटीएम से बुक करवाए थे और सिनेमा हॉल पहुंचने पर उन्हें 90 रुपए के टिकट जारी किए गए और बताया गया कि अतिरिक्त 50 रुपए पॉपकॉर्न खरीद के अनिवार्य रूप से लिए जा रहे है. 

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परिवादी की ओर से बहस करते हुए कहा गया कि सिनेमा हॉल में उन्हें गत्ते के डिब्बे में महज पांच दस रुपए की पॉप कार्न सुपुर्द की गई. उन्होंने कहा कि विपक्षी ने टिकट खरीद के साथ पॉप कार्न खरीदने को नाजायज तरीके से मजबूर किया. उनका यह कृत्य अनुचित है साथ ही सेवा के दौरान लापरवाही को उजागर करती हैं.

मिराज सिनेमा की दलील नहीं आई काम

विपक्षी की ओर से कहा गया कि सिनेमा देखने की बुकिंग पेटीएम से की गई है और उनके कृत्य के लिए विपक्षी जिम्मेदार नहीं है और पेटीएम को पक्षकार नहीं बनाया गया है इसलिए शिकायत खारिज किया जाएं. वहीं
शिकायत को मंजूर करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने कहा कि परिवादी ने अपनी इच्छा से नहीं बल्कि मजबूरीवश सिनेमा टिकट के साथ पॉप कार्न की अनुचित कीमत अदा करने के लिए बाध्य होना पड़ा.

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उन्होंने कहा कि पेटीएम ने सिनेमा प्रबंधन के निर्देशानुसार ही राशि वसूल की है इसलिए अपने एजेंट के इस कृत्य के लिए विपक्षी ही जवाबदेह हैं. उन्होंने कहा कि पचास रुपए वसूल कर गत्ते के डिब्बे में पांच रुपए की पॉप कार्न सप्लाई की गई.

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता से दो सौ रुपए की राशि नाजायज रूप से वसूल की गई है जो विपक्षी का अनुचित व्यापार व्यवहार और सेवा में दोष है. उन्होंने विपक्षी को आदेश दिया कि दो माह में परिवादी को पॉप कार्न कीमत दो सौ रुपए, 20 हजार रुपए हर्जाना और 5 हजार रुपए परिवाद व्यय अदा करें.

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उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराने होंगे 50000 रुपये

उन्होंने कहा कि मिराज सिनेमा और मिराज एंटरटेनमेंट कानून व नियमों की अवहेलना कर दर्शकों की मजबूरी का फायदा उठाकर लम्बे समय से पांच दस रुपए की पॉप कार्न 50 रुपए में जबरन बेच रहे हैं इसलिए उन्हें उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपए कराने होंगे. उन्होंने निर्णय की एक प्रति जिला कलक्टर को उचित कार्रवाई करने लिए भिजवाने का आदेश भी दिया.

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