मिस्त्री के भेष में ISI का एजेंट प्रकाश सिंह, पकिस्तान में ISI से टेलीग्राम और व्हाट्सएप के ज़रिये लेता था निर्देश 

पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रकाश उर्फ बादल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान से ही आईएसआई के संपर्क में था. वह भारतीय सेना की गतिविधियों, सैन्य वाहनों की मूवमेंट, सीमावर्ती क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारी, पुलों और सड़कों जैसी संवेदनशील जानकारियां भेजता था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
राजस्थान में पकड़े गये ISI का जासूस प्रकाश सिंह को आज अदालत में पेश किया गया.

ISI Agent Arrested: जयपुर राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस ने श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट प्रकाश सिंह उर्फ बादल को मंगलवार को जयपुर महानगर प्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर 11 दिसंबर तक सीआईडी के हवाले किया है. सीआईडी इंटेलिजेंस को 27 नवंबर को सूचना मिली थी कि प्रकाश सिंह श्रीगंगानगर के साधूवाली सैन्य क्षेत्र के पास संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है. बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसके मोबाइल में पाकिस्तानी और विदेशी व्हाट्सएप नंबरों से नियमित संपर्क के सबूत मिले.

वॉट्सऐप और टेलीग्राम से सम्पर्क में था 

जासूस प्रकाश पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से सोशल मीडिया के माध्यम से टच में रहता था. जिसके ज़रिये वॉट्सऐप और टेलीग्राम थे. यहीं से वो पाकिस्तान से हिदातयें लेता था. ख़ास बात यह कि प्रकाश ने लोगों को बता रखा था कि वो मार्बल का मिस्त्री है. और इसी भेष में वह भारत की सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को भेजता था. 

‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आया था ISI के सम्पर्क में 

आगे की पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रकाश उर्फ बादल ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान से ही आईएसआई के संपर्क में था. वह भारतीय सेना की गतिविधियों, सैन्य वाहनों की मूवमेंट, सीमावर्ती क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारी, पुलों और सड़कों जैसी संवेदनशील जानकारियां भेजता था. इसके अलावा, वह पाकिस्तानी एजेंटों के कहने पर भारतीय नागरिकों के मोबाइल नंबरों के ओटीपी मुहैया कराता था.

पैसों की लेन-देन भी की थी

इन ओटीपी के जरिए दुश्मन देश के एजेंट भारतीय नंबरों से व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर जासूसी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देते थे. प्रकाश ने इसके बदले पैसों की लेन-देन भी की थी. प्रारंभिक जांच और तकनीकी विश्लेषण में सभी आरोपों की पुष्टि होने के बाद, आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 के तहत जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया.

Advertisement

यह भी पढ़ें- 5 महीने बाद दबोचा गया Ex-Girlfriend का हत्यारा, बस स्टैंड पर दिनदहाड़े की थी तलवार से हत्या