Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, लोकसभा चुनाव के बाद 400 नेताओं की हो सकती है छुट्टी!

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में ऐसे 400 नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है. इन नेताओं की जगह ऊर्जावान युवाओं को जगह दी जा सकती है. इन नेताओं में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और कई पूर्व विधायक पूर्व मंत्री भी शामिल हैं.

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फाइल फोटो.

Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस प्रदेश में संगठन का पूरा चेहरा बदलने की तैयारी कर रही है. प्रदेश कांग्रेस स्तर पर इस संबंध में एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के परिणाम के बाद दिल्ली आलाकमान से अनुमति से फैसला लिया जाएगा. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के साथ ही राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में बड़े बदलाव होंगे. खासतौर पर संगठन से जुड़े बड़े नेताओं की छुट्टी कर दी जाएगी, जो चुनाव में निष्क्रिय रहे या जिन्होंने पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में पर्दे के पीछे भूमिका निभाई. 

नेताओं से नोटिस भेजकर मांगा जवाब

राजस्थान में ऐसे 400 नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है. इन नेताओं की जगह ऊर्जावान युवाओं को जगह दी जा सकती है. इन नेताओं में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और कई पूर्व विधायक पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. राजस्थान में संगठन में फिलहाल करीब 2200 पदाधिकारी हैं. इनमें करीब 400 के आसपास ऐसे नेता हैं जो लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका का निर्वहन करने में विफल रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस वॉर रूम की ओर से ऐसे नेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं. उनसे पूछा गया है कि चुनाव के दौरान आप कहां काम कर रहे थे. अपने प्रभार वाले क्षेत्र में आप कितनी बार गये आपने कितनी मीटिंग ली. कांग्रेस के किस कार्यक्रम में आप शामिल हुए. नोटिस का जवाब मिलेगा. उस आधार पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा. क्रॉस वेरिफिकेशन में निष्क्रिय पदाधिकारियों को कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.

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अब तक इन नेताओं पर हुई कार्रवाई

दरअसल, लोकसभा चुनाव के बीच भी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ गतिविधियां करने वाले नेताओं को नोटिस देने की कार्यवाही की जा चुकी है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस नेता अमीन खान, तेजपाल मिर्धा और बालेन्दु शेखावत को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है. जबकि विधायक गणेश घोघरा को प्रत्याशी के नामांकन में नहीं पहुंचने पर नोटिस दिया जा चुका है. कुल मिलाकर कांग्रेस मानती है कि संगठन के स्तर पर निष्क्रियता के चलते ही लोकसभा चुनावों में वोटिंग पर इसका असर पड़ा था. कम वोटिंग से कांग्रेस ऊपरी तौर पर खुश होने की बात कहे, लेकिन वे जानते हैं कई सीटों पर इसका नुकसान भी कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस अब संगठन को सक्रिय करने और सुस्त पड़ चुके नेताओं को पदों से हटाने की तैयारी में दिखाई दे रही है.

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