Rajasthan Electricity Crisis: फिर आई कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में खामी, कम हो रहा बिजली का उत्पादन

कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां हैं. इन इकाइयों से प्रतिघंटा 600-600 मेगावाट का बिजली उत्पादन होता है. ऐसे में ट्यूब लीकेज होने से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है. गर्मी और उमस चलते बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही हैं.

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Jhalawar News: झालावाड़ की कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दोनों इकाइयों में लगातार आने वाली ट्रिपिंग और तकनीकी खराबी सर का दर्द बन गई है. ऐसे में कोई भी महीना ऐसा नहीं गुजर रहा जब थर्मल की दोनों इकाइयां अपनी पूरी क्षमता पर चली हो. साथ ही तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने में आने वाले खर्च के चलते परियोजना लगातार घाटे में भी जा रही है.

झालावाड़ कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट की पहली यूनिट एक बार फिर से ट्यूब लीकेज होने से बंद हो गई है जबकि दूसरी यूनिट से भी बिजली का पूरा उत्पादन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में बिजली उत्पादन के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अचानक पहली यूनिट की ट्यूब लीकेज हो गई. इससे इकाई पूरी तरह से बंद हो गई. दूसरी यूनिट से भी 400 से 450 मेगावाटही बिजली उत्पादन हो पा रहा है.

प्रतिघंटा 600-600 मेगावाट का बिजली उत्पादन

कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां हैं. इन इकाइयों से प्रतिघंटा 600-600 मेगावाट का बिजली उत्पादन होता है. ऐसे में ट्यूब लीकेज होने से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है. गर्मी और उमस चलते बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही हैं. ऐसे समय में थर्मल की यूनिट बंद हुई है. इससे पहले भी थर्मल की दोनों यूनिटें बार-बार बंद होने से बिजली उत्पादन पर काफी असर पड़ता रहा है तथा पिछले काफी समय से दोनों यूनिटों से पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.

एक महीना भी लगातार नहीं हो रहा उत्पादन

काली सिंध थर्मल पावर परियोजना की यूनिटों में लगातार तकनीकी खराबी और ट्रिपिंग आने के चलते हैं यहां पिछले 1 वर्ष से लगातार एक महीना भी विद्युत उत्पादन नहीं हो पाया है. थर्मल प्लांट की दोनों यूनिटों में लगातार खराबी आ रही है तथा हर माह यूनिटें बंद हो रही हैं. इससे पहले मई माह में भी पांच बार यूनिटें बंद हुई थीं. जून माह की शुरूआत में भी यूनिटों के बंद होने का सिलसिला चला था.

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बॉयलर के ठंडा होने का इंतजार

परियोजना के चीफ इंजीनियर के एल मीणा ने बताया कि ट्यूब में लीकेज के चलते यूनिट बंद हुई है तथा बॉयलर को ठंडा होने में 3 दिन लग जाते हैं और बॉयलर के ठंडा होने से पहले इसमें प्रवेश नहीं किया जा सकता है. ऐसे में बॉयलर ठंडा होने के पश्चात ही ट्यूब के लीकेज की मरम्मत या आवश्यकता अनुसार बदलने का काम हो पाएगा.

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